25 मार्च 2020 दिन बुधवार से चैत्र नवरात्रि आरम्भ हो रहा है जिसका समापन 2 अप्रैल को महानवमी पावन पर्व के साथ समाप्त होगा। चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है। इसी दिन हिन्दू नववर्ष यानि नवसंवत्सर 2077 की शुरुआत भी होगी।
घट स्थापना का मुहूर्त
शुभ मुहूर्त-सुबह 6:05 से 7:01 तकचौघड़िया मुहूर्त- सुबह 6:05 से 7:36 तक अभिजीत मुहूर्त-सुबह 11:44 से दोपहर 12:33 तक
नवरात्रि पर दिख रहा है कोरोना वायरस का असर
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के केसों के चलते इस बार किसी भी राज्य में पंडाल नहीं लगाए जा रहे हैं। देश के कई जिलों में लॉक डाउन की स्थिति है। मां दुर्गा के मंदिरों में भी इस बार नवरात्रि उपासकों के भीड़ नहीं रहेगी। इसके अलावा विभिन्न जगहों पर कर्फ्यू के चलते लोगों को पूजन-सामग्री मिलने में दिक्कत हो रही है।
चैत्र नवरात्रि में बन रहा है इस बार दुर्लभ संयोग
इस बार चैत्र नवरात्रि पर एक बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है। दरअसल, पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र नवरात्रि के व्रत में किसी भी तिथि का क्षय नहीं हो रहा है। इस वजह से माता के भक्त पूरे नौ दिनों तक उनकी पूजा अर्चना और व्रत कर सकेंगे। रामनवमी की वजह से भी चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। चैत्र नवरात्रि की नवमी या महानवमी को रामनवमी मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी नवमी को भगवान विष्णु के अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म धरती पर हुआ है। बिहार में रामनवमी के दिन घरों में महावीरी ध्वज फहराने की परंपरा है।
मां दुर्गा के नौ स्वरूप
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होती है।