लाइव न्यूज़ :

Chaitra Navratari 2020 Day 9: जब देवों के तेज से प्रकट हुई थीं मां सिद्धिदात्री, महानवमी पर पढ़िए पौराणिक व्रत कथा-जानिए पूजा विधि

By मेघना वर्मा | Updated: April 2, 2020 10:11 IST

Chaitra Navratari 2020 Day 9:सिद्धियों की प्राप्ति के लिए सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि देव, गंदर्भ, असुर, ऋषि आदि को भी भी मां सिद्धिदात्री की पूजा करनी पड़ती है।

Open in App
ठळक मुद्देबताया जाता है कि देवी दुर्गा का ये रूप सभी देवों के तेज से प्रकट हुआ था।प्राचीन कहानियों की मानें तो भगवान शंकर ने इन्हीं देवी की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था।

चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व का आज नौंवा दिन है। इस दिन मां के स्वरूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मांड की शुरुआत में भगवान भोलेनाथ ने देवी की आदि पराशक्ति की अराधना की थी। तभी भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कृपा से आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं। 

इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में महानवमी 2 अप्रैल को पड़ रही है। इसी दिन दोपहर के बाद से नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। देवी के इस नौवें रूप को शक्ति स्वरूप माना गया है। जो सिद्धियों की देवी हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त देवी दु्र्गा के इस रूप की उपासना करता है वो सारी सिद्धियों को प्राप्त करता है। 

भय और शोक से मिलती है मुक्ति

इस सृष्टि में कुछ भी अगम्य नहीं रह जाता। ब्रह्मांड पर पूरे विजय प्राप्त करने के का सामर्थय  मां के भक्तों में आ जाता  है। सिद्धियों की प्राप्ति के लिए सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि देव, गंदर्भ, असुर, ऋषि आदि को भी भी मां सिद्धिदात्री की पूजा करनी पड़ती है। मान्यता ये भी है कि मां का ये नौवां स्वरूप शोक, रोग और भय से मुक्ति भी देता है। आइए आपको बताते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व-

मां सिद्धिदात्री की पौराणिक कथा

प्राचीन कहानियों की मानें तो भगवान शंकर ने इन्हीं देवी की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था। संसार में सभी वस्तुओं को सहजता से प्राप्त करने के लिए देवी के नवें रूप की उपासना की जाती है।  बताया जाता है कि इस सिद्धिदात्री देवी की वजह से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ। इसी के कारण उन्हें अर्दधनारीश्वर नाम से बुलाया जाता है। 

देवों के तेज से हुईं थी प्रकट

बताया जाता है कि देवी दुर्गा का ये रूप सभी देवों के तेज से प्रकट हुआ था। असुर महिषासुर के अत्याचार से परेशा होकर सभी देवगण ने भगवान भोले और विष्णु के समक्ष सहायता मांगी। तब वहां उपस्थित सभी देवगणों से एक-एक तेज उत्पन्न हुआ। उस तेज से दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ। जिन्हें सिद्धिदात्री के नाम से जाना गया। 

ऐसे  करें पूजा

1. नवरात्रि के नौवें दिन विशेष हवन किया जाता है तो इस दिन सुबह नहा धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।2. पूजा घर में माता की चौकी पर मां सिद्धिदात्री की मूर्ती या तस्वीर रखें। 3. अब देवी को धूप, दीप, नवैद्य दिखाकर उनकी उपासना करें। 4. इसके बाद देवी को भोग चढ़ाएं। 5. पूजा घर में ही माता के नाम की आहुति दें।

6. दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोक मंत्र को आहुति दी जा सकती है।7. इसके बाद भगवान शंकर और ब्रह्मा जी की पूजा करें।8. अंत में आरती गावें और फिर चढ़ाएं हुए प्रसाद का वितरण करें।

मां सिद्धिदात्री का मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरप।सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।

टॅग्स :चैत्र नवरात्रिनवरात्रिनवरात्री महत्वपूजा पाठमां दुर्गा
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठDiwali Puja Time Today: दिवाली पूजा का समय और शुभ मुहूर्त कब है?, 20 अक्टूबर गणेश-लक्ष्मी पूजा...

पूजा पाठHappy Diwali 2025 Wishes: दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, मैसेज, फोटो, स्टेटस...

भारतVIDEO: गोरखनाथ मंदिर में CM योगी ने कन्या पूजन किया, देखें वायरल वीडियो

बॉलीवुड चुस्कीVIDEO: शिल्पा शेट्टी ने पति राज कुंद्रा के साथ कन्या पूजन किया, देखें वीडियो

पूजा पाठनवरात्रि: उपनिषद में वर्णित है देवी का ब्रह्मरूप, ‘प्रज्ञान  ब्रह्मं’ ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ की गूंज

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय