Chhath Puja 2020: चैती छठ पूजा कब से शुरू है, क्या है नहाय-खाय, खरना, अर्घ्य और पारण की तिथि, जानिए

By विनीत कुमार | Published: March 3, 2020 09:40 AM2020-03-03T09:40:20+5:302020-03-03T09:50:15+5:30

Chaiti Chhath 2020: चैती छठ व्रत इस बार मार्च के आखिरी हफ्ते में पड़ रहा है। इस बार यानी साल 2020 में चैती छठ का आरंभ 28 मार्च (शनिवार) को नहाय खाय के साथ हो रहा है।

Chaiti Chhath 2020 Chhath puja kab hai, nahay khay, kharna arghya and paran date | Chhath Puja 2020: चैती छठ पूजा कब से शुरू है, क्या है नहाय-खाय, खरना, अर्घ्य और पारण की तिथि, जानिए

Chaiti Chhath 2020: मार्च के आखिरी हफ्ते में चैती छठ व्रत

HighlightsChaiti Chhath 2020: साल में दो बार आता है छठ व्रत, दोनों का बड़ा महत्वछठ पूजा में सूर्य की उपासना का है महत्व, 30 मार्च को पहला अर्घ्य इस बार

Chaiti Chhath 2020: छठ व्रत साल में दो बार मनाया जाता है। कार्तिक की छठ पूजा की ही तरह चैत्र माह में पड़ने वाले छठ का बहुत महत्व है।  मुख्य रूप से सूर्यदेव की उपासना का ये महापर्व बिहार सहित पूर्वांचल के कई हिस्सों और नेपाल के कई क्षेत्रों में भी मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार छठ माई सूर्य देवता की बहन हैं। इसलिए इन दिनों में सूर्य की उपासना से छठी मईया खुश होती हैं और साधक के घर-परिवार में सुख और शांति प्रदान करती हैं।

Chaiti Chhath 2020: चैती छठ इस बार कब है?

छठ व्रत साल में चैत्र शुक्ल षष्ठी और कार्तिक शुक्ल षष्ठी की दो तिथियों को किया जाता है। इसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय कार्तिक का छठ व्रत है, जो दीपावली के बाद आता है। दोनों ही छठ व्रत चार दिनों के होते हैं और इन्हें बेहद कठिन माना गया है। इस व्रत में शुद्धता का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है और घर भी धन-धान्य से भरा होता है।

इस बार यानी साल 2020 में चैती छठ का आरंभ 28 मार्च (शनिवार) को नहाय खाय के साथ हो रहा है। वहीं, छठ व्रत के बाद पारण का दिन 31 मार्च का होगा। वहीं, कार्तिक छठ व्रत की शुरुआत 18 नवंबर को नहाय खाय के साथ होगी।

Chaiti Chhath 2020 Date: चैती छठ में नहाय-खाय, खरना, अर्घ्य और पारण की तारीख

तारीखदिनपर्वतिथि
28 मार्चशनिवारनहाय-खायशुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि
29 मार्चरविवारखरनापंचमी
30 मार्चसोमवारशाम का अर्घ्यषष्ठी
31 मार्चमंगलवारप्रात: काल का अर्घ्य और पारणसप्तमी

Chaiti Chhath 2020: कैसे करते हैं छठ व्रत

छठ व्रत की पूजा चार दिनों तक होती है। पहला दिन नहाय खाय के साथ शुरू होता है। यह कार्तिक या चैत्र के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का दिन होता है। इस दिन व्रती स्नान आदि कर नये वस्त्र धारण करते हैं और भोजन लेते हैं। व्रती के भोजन करने के बाद ही घर के बाकि सदस्य भोजन करते हैं।

छठ पूजा के दूसरा दिन को खरना कहा जाता है। इस पूरे दिन व्रत रखा जाता है और शाम को व्रती भोजन ग्रहण करते हैं। शाम को चावल और गुड़ से खीर बनाकर खाया जाता है। भोजन में नमक या चीनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता। घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में खाई और बांटी जाती है।

इसके बाद षष्ठी के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है। इसमें ठेकुआ विशेष होता है। प्रसाद और फल एक साफ और नये टोकरी में सजाये जाते हैं। टोकरी की पूजा कर सभी व्रती सूर्य को अर्घ्य देने के लिये तालाब, नदी या घाट आदि पर जाते हैं। स्नान कर डूबते सूर्य की आराधना की जाती है।

ऐसे ही अगले दिन सुबह उतते हुए सूर्य को अर्ध्य देने की परंपरा है। इस दौरान शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत का भी समापन होता है और साधक पारण करते हैं।

English summary :
Chhath Vrat is celebrated twice a year. Like Chhath Puja of Kartik, Chhath tithi in the month of Chaitra has great significance. This mahaparva, mainly worshiped of Suryadev, is celebrated in many parts of Purvanchal including Bihar and also in many areas of Nepal.


Web Title: Chaiti Chhath 2020 Chhath puja kab hai, nahay khay, kharna arghya and paran date

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