Bihar LS Elections 2024: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बिहार में जदयू और भाजपा के कई नेताओं पर गिर सकती है गाज
By एस पी सिन्हा | Updated: May 12, 2024 16:52 IST2024-05-12T16:51:28+5:302024-05-12T16:52:31+5:30
Bihar Lok Sabha Elections 2024: सूत्रों की मानें तो चुनाव खत्म होने के बाद जदयू और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इन विधायकों और मंत्रियों को लेकर कड़ा फैसला ले सकती है। पार्टी की ओर से इनको कड़ी सजा दी जा सकती है।

Bihar LS Elections 2024: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद बिहार में जदयू और भाजपा के कई नेताओं पर गिर सकती है गाज
पटना: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद भाजपा और जदयू के कई मंत्रियों और विधायकों के पर कतरे जा सकते हैं। दरअसल, दोनों दलों के कई विधायकों और मंत्रियों के बारे में जानकारी मिल रही है कि उन्होंने एनडीए प्रत्याशियों को जिताने के लिए जी तोड़ प्रयास नहीं किया है। यही कारण है कि समस्तीपुर में चुनाव प्रचार के दौरान ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह ऐलान कर दिया था कि चुनाव के बाद सबका हिसाब वह करेंगे। इसी तरह भाजपा की ओर से भी लोकसभा चुनाव में मन से काम नहीं करने वाले मंत्री और विधायकों का रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है।
सूत्रों की मानें तो चुनाव खत्म होने के बाद जदयू और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इन विधायकों और मंत्रियों को लेकर कड़ा फैसला ले सकती है। पार्टी की ओर से इनको कड़ी सजा दी जा सकती है। दरअसल, लोकसभा चुनाव प्रचार में जो नेता पूरे मन से काम ना करके बल्कि कोरम पूरा कर रहे हैं और पार्टी को जिताने के लिए कोई जिम्मेवारी नहीं उठा रहे हैं। वैसे मंत्री और विधायकों पर भाजपा और जदयू की कड़ी नजर है। जो भी विधायक, मंत्री, पूर्व विधायक, कार्यकर्ता अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से नहीं निभा रहे उन पर पार्टी चुनाव के बाद कार्रवाई करेगी।
भाजपा और जदयू दोनों दलों में इनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बिहार भाजपा की ओर से तैयार की जा रही रिपोर्ट के आधार पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व फैसला करेगा। जबकि जदयू में फैसला लेने का अधिकार खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही है, कारण कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उल्लेखनीय है 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार से जदयू और भाजपा ने 39 सांसद दिए थे। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 33 सीटों पर चुनाव जीती थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू साथ नही थी। ऐसे में एनडीए ने 2024 के चुनाव में 40 की 40 सीट पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। जिसके लिए भाजपा, जदयू, लोजपा(रा), रालोमो और हम के खास नेता से लेकर आम कार्यकर्ता जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
वहीं चुनाव प्रचार में आनाकानी करने वाले कार्यकर्ताओं-नेताओं पर जदयू और भाजपा के द्वारा कार्रवाई करने की पूरी तैयारी की गई है। इसमें सबसे पहले मंत्री महेश्वर हजारी के खिलाफ जदयू बड़ी कार्रवाई कर सकती है, जो एनडीए प्रत्याशी के बदले अपने बेटे सन्नी हजारी को जिताने में जुटे रहे। बता दें कि सन्नी हजारी को कांग्रेस ने समस्तीपुर से उम्मीदवार बनाया है।