लाइव न्यूज़ :

भाद्रपद मास की आज से शुरुआत, इस तारीख तक नहीं होंगे कोई भी शुभ काम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 16, 2019 12:17 IST

Bhadra 2019: भाद्रमास 15 सितंबर को खत्म हो रहा है लेकिन इसके साथ ही 13 सितंबर से पितृ-पक्ष के दिन भी शुरू हो रहे हैं। ऐसे में शुभ कार्य के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

Open in App

श्रावण के खत्म होने के साथ ही आज यानी 16 अगस्त से भाद्रपद मास की शुरुआत हो गई है। उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में इस महीने में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसके मायने ये हुए कि इस महीने शादी-ब्याह की बातें नहीं होंगी और न ही मुंडन या जनेऊ संस्कार आदि कराये जाएंगे। साथ ही इस महीने में नया घर, नई गाड़ी, गृह प्रवेश, नये दुकान आदि खोलने को भी शुभ नहीं माना गया है। 

साथ ही तीर्थयात्रा आदि पर भी नहीं जाना चाहिए। भाद्रमास 15 सितंबर को खत्म हो रहा है लेकिन इसके साथ ही 13 सितंबर से पितृ-पक्ष के दिन भी शुरू हो रहे हैं। ऐसे में शुभ कार्य के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ेगा। पितृ-पक्ष 28 सितंबर को खत्म होगा। इसके तुरंत बाद नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जाएगा और फिर दशहरा के दिन से शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्यों और दूसरे अनुष्ठानों की शुरुआत कर दी जाती है।

भाद्र का अर्थ वैसे कल्याण और अच्छे नतीजे देने वाला होता है। दिलचस्प ये भी है इसी महीने में कई अहम व्रत और त्योहार जैसे- जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, हरितालिका तीज, उमा-महेश्वर व्रत आदि मनाये जाते हैं।   

नई दुल्हन और सास भी नहीं रहती इकट्ठा!

उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में भाद्र मास में नई दुल्हन और सास इकट्ठा नहीं रहतीं। सावन के महीने में नई शादी-शुदा महिलाएं मायके चली जाती हैं और फिर भाद्रमास खत्म होने के बाद ही आती हैं। भाद्र मास में वैसे भी मायके की ओर से लड़कियों को विदा नहीं करने की परंपरा है। इसे अशुभ माना जाता है।

भाद्रपद में इन बातों का रखें विशेष ध्यान

ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद में गुड़, तिल का तेल, दही नहीं खाना चाहिए। इस महीने में पूजा के दौरान तुलसी के पौधे पर जल रोज चढ़ाएं और दीपक जलाएं।

टॅग्स :सावननवरात्रि
Open in App

संबंधित खबरें

भारतVIDEO: गोरखनाथ मंदिर में CM योगी ने कन्या पूजन किया, देखें वायरल वीडियो

बॉलीवुड चुस्कीVIDEO: शिल्पा शेट्टी ने पति राज कुंद्रा के साथ कन्या पूजन किया, देखें वीडियो

पूजा पाठनवरात्रि: उपनिषद में वर्णित है देवी का ब्रह्मरूप, ‘प्रज्ञान  ब्रह्मं’ ‘अहम् ब्रह्मास्मि’ की गूंज

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: नवरात्रि के बाद कलश, चावल और नारियल का ऐसे करें इस्तेमाल, जानें क्या है नियम

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: नवरात्रि में कब करना चाहिए कन्या पूजन, क्या कहता है शास्त्र विधान

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय