बसंत पंचमी 2019: दस साल बाद बन रहा रविसिद्धि योग, इस शुभ मुहूर्त में करें देवी वंदना, पाएंगे अनेकों लाभ

By गुलनीत कौर | Published: February 2, 2019 07:56 AM2019-02-02T07:56:40+5:302019-02-05T09:40:56+5:30

बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा, व्रत करने से बुद्धि, विवेक एवं सफलता प्राप्त होती है। इसदिन सुबह जल्दी उठें, स्नान करके देवी की पूजा करें और दिन ढलने से पहले पीली चीजों का दान भी करें।

Basant Panchmi 2019: Day, date, time, shubh muhurat, vrat-puja vidhi, why to celebrate and things to do on basant panchmi | बसंत पंचमी 2019: दस साल बाद बन रहा रविसिद्धि योग, इस शुभ मुहूर्त में करें देवी वंदना, पाएंगे अनेकों लाभ

बसंत पंचमी 2019: दस साल बाद बन रहा रविसिद्धि योग, इस शुभ मुहूर्त में करें देवी वंदना, पाएंगे अनेकों लाभ

फरवरी का महीना शुरू हो गया है। यह महीना कई प्रमुख त्योहारों से पूरित होता है। 4 फरवरी को मौनी अमावस्या और 10 फरवरी को बसंत पंचमी है। बसंत पंचमी के दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं, पीली वस्तुओं का दान करते हैं। खेतों में भी इसदिन पीले फूल खिलेखिले दिखाई देते हैं। यहां आगे जानें बसंत पंचमी का महत्व, पूजा का शुभ मुहूर्त, शुभ संयोग एवं इसदिन क्या करना चाहिए।

बसंत पंचमी क्यों मनाते हैं?

हिन्दू पंचांग के अनुसार बसंत माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह त्योहार पतझड़ के जाने के बाद बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। किन्तु हिन्दू धर्म में यह त्योहार देवी सरस्वती के आगमन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए बसंत पंचमी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।

बसंत पंचमी शुभ संयोग, पूजा मुहूर्त, विधि:

9 फरवरी की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से पंचमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी, जो कि अगले दिन 10 फरवरी की दोपहर 2 बजकर 8 मिनट तक मान्य रहेगी। इस वर्ष पंचमी तिथि रविवार को है, साथ ही रवि सिद्धि योग एवं अबूझ नक्षत्र भी बन रहा है। इसे अत्यंत शुभ माना जा रहा है। सुबह 6 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक का समय पूजा के लिए शुभ बताया गया है। 

मां सरस्वती जन्म कथा:

एक पौराणिक कथा के अनुसार सृष्टि की रचना करने वाले भगवान ब्रह्मा ने ही पहला मनुष्य 'मनु' बनाया था। किन्तु उसे बनाने के बाद भी उन्हें सृष्टि पर कुछ अधूरेपन का एहसास हुआ। इसलिए उन्होंने अपने कमंडल में हाथ डाला, जल निकाला और धरती पर छिड़क दिया। जल का छिड़काव होते ही एक देवी प्रकट हुईं।

देवी का रूप निराला था। उनके एक हाथ में वीणा और दूसरे में पुस्तक थी। भगवान ब्रह्मा ने देवी को 'सरस्वती' का नाम दिया और अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार किया। ब्रह्मा जी ने देवी से वीणा बजाने का आग्रह किया। वीणा का पहला सुर छिड़ते ही धरती में काँप उठी। वीणा के स्वरों के प्रभाव से जीव, जंतु, हवा, पेड़, पौधे हरा किसी में से स्वरों का आभास होने लगा। यूं लगा धरती जैसे  जाग गई हो।

यह भी पढ़ें: फरवरी में चार बड़े ग्रह बदलेंगे अपनी राशि, रहें सावधान, बुरे प्रभावों से बचने के लिए करें ये काम

बसंत पंचमी पर क्या करें:

1) बसंत पंचमी पर लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीली चीजों का ही दान करते हैं
2) चूंकि यह दिन मां सरस्वती से जुड़ा है तो प्रातःकाल देवी की पूजा के बाद दिनभर के उपवास का सांकल भी लिया जाता है
3) ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा, व्रत करने से बुद्धि, विवेक एवं सफलता प्राप्त होती है
4) बसंत पंचमी पर शिक्षा संबंधित वस्तुएं जैसे कि पेन, कॉपी, किताब आदि का भी दान किया जाता है
5) उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में पतंगबाजी करके भी बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है

English summary :
Basant Panchami 2019: Month of February has several major festivals. On February 4, Mauni Amavasya and Basant Panchami on February 10. On Basant Panchami, people wear yellow clothes, donate yellow items. Yellow flowers are visible on this day. Read the importance of Basant Panchami, the auspicious time of worship (Shubh Muhurat)and how to perform Puja (Puja Vidhi).


Web Title: Basant Panchmi 2019: Day, date, time, shubh muhurat, vrat-puja vidhi, why to celebrate and things to do on basant panchmi

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे