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पुणे के देहू में लगा मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध, प्रसिद्ध मराठी विचारक और संत तुकाराम की है जन्मभूमि

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 1, 2022 21:47 IST

पुणे के देहू नागरिक निकाय ने शुक्रवार को घोषणा की कि महान संत तुकाराम की जन्मभूमि पर कच्चे और पके हुए मांस और मछली जैसे भोज्य पदार्थ अब नहीं बेचे जाएंगे। 17वीं शताब्दी में देहू में ही महाराष्ट्रीयन भक्ति परंपरा में सबसे प्रमुख संत-कवियों में से प्रमुख तुकाराम का जन्म हुआ था।

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ठळक मुद्देप्रसिद्ध मराठी संत तुकाराम के पैतृक जन्मस्थान देहू में मांसाहार को प्रतिबंधित कर दिया गया हैदेहू नगर पंचायत ने प्रस्ताव पास करते हुए मांसाहारी भोज्य पदार्थों की बिक्री को प्रतिबंध कर दिया हैदेहू की कुल आबादी इस समय 40,000 से अधिक है

पुणे:महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मराठी संत और विचारक कवि तुकाराम के पैतृक जन्मस्थान देहू में अंडा, मांस और मछली को बेचने पर प्रतिबध लगा दिया गया है। देहू के नागरिक निकाय ने इस बात की घोषणा करते हुए बताया कि जिस जगह पर कभी प्रसिद्ध मराठी संत-कवि तुकाराम रहते थे, उस स्थान को पवित्र मानते हुए अंडा, मांस और मछली की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।

शुक्रवार को लागू हुए नागरिक निकाय के इस प्रतिबंध के तहत कच्चे और पके मांस और मछली जैसे भोज्य पदार्थ अब शहर में नहीं बेचे जाएंगे। देहू में ही महाराष्ट्रीयन भक्ति परंपरा में सबसे प्रमुख संत-कवियों में से प्रमुख तुकाराम का जन्म हुआ था। 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में देहू में पैदा होने वाले संत तुकारात के मंदिर में सैकड़ों भक्त हर दिन दर्शन करने के लिए आते हैं।

देहू नगर पंचायत के मुख्य अधिकारी प्रशांत जाधव ने कहा, "नगर पंचायत की पहली आम सभा की बैठक में 25 फरवरी को सर्वसम्मति से देहू शहर के अधिकार क्षेत्र में मछली और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था।" उन्होंने कहा कि पवित्र मंदिरों का शहर होने के कारण देहू में कुछ ही दुकाने थीं, जहां पर मांसाहारी भोजन बेचा जाता था लेकिन इस आदेश के बाद उन्हें भी अब बंद कर दिया गया है।

जाधव ने इस मामले में व्यापक जानकारी देते हुए कहा कि जब देहू केवल एक ग्राम पंचायत द्वारा शासित हुआ करती थी तो यहां पर मांसाहारी वस्तुओं को नहीं बेचने के लिए आपसी समझ विकसित थी। कोरोना महामारी के दौरान कुछ दुकानों पर मांसाहारी भोजना बिकना शुरू हुआ था।

लेकिन हाल ही में गठित हुए देहू नगर पंचायत ने इस संबंध में एक औपचारिक प्रस्ताव पास करते हुए इस तरह के भोज्य पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब शहर में मांस और मछली की बिक्री को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए देहू नगर पंचायत ने एक उड़न दस्ते का भी गठन किया है, जो इस बात की निगरानी करेगा कि इस तरह की प्रतिबंधित वस्तुओं की बिक्री इस पवित्र शहर में न हो सके। जानकारी के मुताबिक देहू की कुल आबादी इस समय 40,000 से अधिक है।

इस प्रतिबंध के विषय में बात करते हुए तुकाराम मंदिर के ट्रस्टियों में से एक संजय मोरे ने कहा कि देहू शहर में मछली और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए सभी नागरिकों ने देहू नगर पंचायत से मांग की थी और आज जब नगर पंचायत ने इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है तो नागरिकों में इस बात से बहुत खुशी है।  

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