Ayodhya Ram Mandir: राम नवमी कार्यक्रम की घोषणा?, शेड्यूल देखें
By सतीश कुमार सिंह | Updated: March 18, 2025 12:27 IST2025-03-18T12:25:27+5:302025-03-18T12:27:43+5:30
Ayodhya Ram Mandir: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोमवार को आगामी राम नवमी के कार्यक्रम की घोषणा की।

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में भव्य रामनवमी समारोह का सीधा प्रसारण टेलीविजन और अन्य प्लेटफार्मों पर किया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 6 अप्रैल को रामलला के जन्मोत्सव के लिए विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है। महासचिव चंपत राय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राम जन्मोत्सव सुबह 9:30 बजे अभिषेक अनुष्ठान के साथ शुरू होगा, इसके बाद दोपहर 12 बजे रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में आरती शामिल होगी और परंपरा के अनुसार, भगवान सूर्यदेव की किरणें रामलला के माथे को रोशन करेंगी, जो दिव्य तिलक का प्रतीक है।
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— Shri Ram Mandir Ayodhya Darshan (@RamMandir_) February 24, 2025
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Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर में राम नवमी समारोह का विस्तृत कार्यक्रम-
राम नवमीः 6 अप्रैल
सुबह दर्शन: मंगला और श्रृंगार आरती के बाद शुरू
स्नान-अनुष्ठानः सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक
मंदिर कपाट बंदः सुबह 10.30 से 11.40 तक
मूर्ति श्रृंगारः सुबह 11 बजकर 45 मिनट, गर्भगृह के कपाट खुले रहेंगे लेकिन प्रसाद चढ़ाने के बाद कपाट बंद रहेंगे
दोपहर के समय श्री राम के जन्म के समय आरती और सूर्य तिलक किया जाएगा
सूर्य तिलक के दौरान सूर्य की किरणें मूर्ति के माथे को रोशन करेंगी
सूर्य को प्रतीकात्मक रूप से राम लला को तिलक लगाया जाएगा, जो सूर्य के वंश में जन्मे हैं
दोपहर 12 बजे से शुरू होकर लगभग तीन से साढ़े तीन मिनट तक सूर्य की रोशनी को दर्पण और लेंस के संयोजन का उपयोग कर मूर्ति के माथे पर सटीक रूप से डाला जाएगा
राम नवमी छह अप्रैल को है। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के अनुसार, राम नवमी पर पूर्वाह्न साढ़े नौ से साढ़े 10 बजे तक भगवान का स्नान-अनुष्ठान होगा। मंदिर के कपाट साढ़े 10 से 11 बजकर 40 मिनट तक बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजकर 45 मिनट पर होने वाले मूर्ति के श्रृंगार के दौरान गर्भगृह के कपाट खुले रहेंगे लेकिन प्रसाद चढ़ाने के बाद कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
राय ने बताया कि दोपहर के समय श्री राम के जन्म के समय आरती और सूर्य तिलक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सूर्य तिलक के दौरान सूर्य की किरणें मूर्ति के माथे को रोशन करेंगी। राय ने कहा कि सूर्य को प्रतीकात्मक रूप से राम लला को तिलक लगाया जाएगा, जो सूर्य के वंश में जन्मे हैं।
दोपहर 12 बजे से शुरू होकर लगभग तीन से साढ़े तीन मिनट तक सूर्य की रोशनी को दर्पण और लेंस के संयोजन का उपयोग कर मूर्ति के माथे पर सटीक रूप से डाला जाएगा। मंदिर ट्रस्ट ने एक प्रमुख सरकारी संस्थान के वैज्ञानिकों से दर्पण और लेंस से युक्त एक परिष्कृत उपकरण तैयार कराया है।