अमरनाथ श्राइन बोर्ड झुका तो लंगरवालों की तैयारियां शुरू, 1 जुलाई से शुरू होनी है यात्रा
By सुरेश डुग्गर | Published: June 8, 2019 10:06 AM2019-06-08T10:06:36+5:302019-06-08T10:06:36+5:30
श्राइन बोर्ड ने श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान लंगर लगाने वालों के राशन के ट्रकों को सुरक्षा कारणों व यात्रा मार्ग की मरम्मत व बर्फ हटाने के कार्य को देखते हुए 21 जून से पहले कश्मीर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से विवाद शुरू हुआ था।
अमरनाथ यात्रा इस साल 1 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसी के मद्देनजर लंगर समितियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। उधमपुर में भी लंगर समितियां अपनी तैयारी में जुटी हैं। ऐसी ही एक लंगर समिति के अध्यक्ष राज पॉल सुलतान ने कहा कि हम बीते चार-पांच दिन से यहां पर लंगर के लिए तैयारी कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि काम जल्द से जल्द समाप्त हो जाए।
दरअसल पिछले एक सप्ताह से श्री बाबा अमरनाथ श्राइन बोर्ड और लंगर संगठनों के बीच चल रहा विवाद गुरुवार रात को समाप्त हुआ है। लंगर संगठनों के दबाव के आगे श्राइन बोर्ड को झुकना पड़ा। अब बोर्ड ने लंगर संगठनों को 18 जून से जवाहर टनल पार कर कश्मीर जाने की अनुमति दे दी है। श्राइन बोर्ड ने श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान लंगर लगाने वालों के राशन के ट्रकों को सुरक्षा कारणों व यात्रा मार्ग की मरम्मत व बर्फ हटाने के कार्य को देखते हुए 21 जून से पहले कश्मीर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी। इससे विवाद उत्पन्न हो गया था।
लंगर संगठन 15 जून से ट्रकों को प्रवेश करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि देर से कश्मीर जाने की अनुमति मिलने पर वह यात्रा मार्ग पर ऊंचाई वाले स्थानों पर समय पर राशन नहीं पहुंचा पाएंगे। श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने चेतावनी दी थी कि अगर 15 जून से लंगर वालों के राशन के ट्रकों को कश्मीर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिली तो वे यात्रा का बहिष्कार कर देंगे। लंगर संगठन ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) उमंग नरूला को इस बारे में पत्र भी लिखा था। इसके बाद यात्रा के दौरान लंगर लगने पर भी संकट के बादल मंडराने लगे थे।
इस बीच, लंगर संगठनों और श्राइन बोर्ड के बीच विवाद को हल करने के लिए लगातार बातचीत भी शुरू हो गई। वीरवार को लंगर आर्गेनाइजेशन के प्रधान विजय ठाकुर और श्राइन बोर्ड के सीईओ उमंग नरूला के बीच इस मामले पर फिर बातचीत हुई। इसमें दोनों ने अपने-अपने तर्क दिए। इसके बाद दोनों में समझौता हुआ कि लंगर संगठनों के ट्रक सामान लेकर जम्मू में कभी भी आ सकते हैं और कश्मीर जाने के लिए जवाहर टनल पार करने की अनुमति भी 18 जून से मिल जाएगी।
लंगर संगठनों के प्रधान विजय ठाकुर ने विवाद हल होने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें एडीजीपी सिक्योरिटी मुनीर अहमद खान ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही लंगर लगाने वाले जम्मू कश्मीर की ओर प्रस्थान करेंगे। अमरनाथ यात्रा के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व अन्य राज्यों के संगठन हर वर्ष लंगर लगाने आते हैं। यात्रा के दौरान दोनों मार्गों बालटाल और पहलगाम रूट से पवित्र गुफा तक लंगर लगाए जाते हैं।