Amalaki Ekadashi 2024: आंवला एकादशी के दिन करिये आंवले वृक्ष का पूजन, मिलेगा हजार 'गोदान' का पुण्य

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 20, 2024 06:53 AM2024-03-20T06:53:36+5:302024-03-20T06:53:36+5:30

आज फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज के दिन आंवला खाने, दान देने और आंवला पेड़ के पूजने से मिलता है हजार गायों के दान का पुण्य मिलता है।

Amalaki Ekadashi 2024: Today is the day to eat Amla, worship the Amla tree, you will get the virtue of thousand 'Godaan' | Amalaki Ekadashi 2024: आंवला एकादशी के दिन करिये आंवले वृक्ष का पूजन, मिलेगा हजार 'गोदान' का पुण्य

फाइल फोटो

Highlightsआंवला एकादशी के दिन आंवला पेड़ के पूजने से मिलता है हजार गायों के दान का पुण्य फाल्गुन महीने में आने के कारण ये हिंदी कैलेंडर की आखिरी एकादशी होती हैपद्म और विष्णु धर्मोत्तर पुराण में कहा गया है कि आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है

Amalaki Ekadashi 2024: आज फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज के दिन आंवला खाने, दान देने और आंवला पेड़ के पूजने से मिलता है हजार गायों के दान का पुण्य। इसे आमलकी यानी आंवला एकादशी कहते हैं। फाल्गुन महीने में आने के कारण ये हिंदी कैलेंडर की आखिरी एकादशी होती है।

इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा के साथ ही आंवले का दान करने का भी विधान है। जिससे कई यज्ञों का फल मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन आंवला खाने से शरीर को कई बीमारियों से मुक्ति मिलती है।

ब्रह्मांड पुराण के मुताबिक इस दिन आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस दिन शुभ ग्रह योगों के प्रभाव से व्रत और पूजा का पुण्य और बढ़ जाएगा। पुराणों में लिखा है कि आज के दिन आंवले खाने और आंवले वृक्ष की पूजा करने और दान से मिलता है कई यज्ञों का पुण्य मिलता है।

पद्म और विष्णु धर्मोत्तर पुराण का कहना है कि आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होता है। इस पेड़ में भगवान विष्णु के साथ ही देवी लक्ष्मी का भी निवास होता है। इस वजह से आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ को पूजन और आंवले का दान करने से समस्त यज्ञों और 1 हजार गायों के दान के बराबर फल मिलता है। आमलकी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष मिल जाता है। आज के दिन तिल और गंगाजल से स्नान करना चाहिए और आंवला दान की परंपरा है।

इस एकादशी पर सूर्योदय से पहले उठकर पानी में गंगाजल की सात बूंद, एक चुटकी तिल और एक आंवला डालकर उस जल से नहाना चाहिए। इसे पवित्र या तीर्थ स्नान कहा जाता है। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इसके बाद दिनभर व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए। इससे एकादशी व्रत का पूरा पुण्य फल मिलता है।

आंवला एकादशी की कथा

हिंदू सनातन मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी प्रभु श्रीहरि विष्णु जी की नाभि से पैदा हुए थे। एक बार ब्रह्मा जी ने स्वयं को समझने के लिए विष्णुजी की तपस्या करने लगे। उनकी घोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान श्रीहरि, ब्रह्मा जी के सम्मुख प्रगट हुए।

भगवान दामोदर को साक्षात अपने सामने देखकर ब्रह्मा जी की आंखों से आंसुओं की अविरल धारा बहने लगी। मान्यता है कि ब्रह्मा जी के आंसू जब उनके चरणों पर गिरे आंसू आंवले के पेड़ में बदल गए। तब विष्णु जी ने कहा कि आज से यह वृक्ष और इसका फल मुझे बेहद दी प्रिय होगा और जो भी भक्त आंवला की एकादशी के दिन इस वृक्ष की पूजा करेगा या मुझ पर आंवला चढ़ाएगा। वो मोक्ष की तरफ अग्रसर होगा।

Web Title: Amalaki Ekadashi 2024: Today is the day to eat Amla, worship the Amla tree, you will get the virtue of thousand 'Godaan'

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