अहोई अष्टमी 2019 मुहूर्त: इस खास मुहूर्त में करें अहोई माता की पूजा, संतान की होगी लंबी उम्र
By मेघना वर्मा | Published: October 18, 2019 07:27 AM2019-10-18T07:27:20+5:302019-10-18T12:39:17+5:30
Ahoi Ashtami 2019 Muhurat: माना जाता है कि अहोई माता का ये व्रत रखने और उनकी दिल से पूजा करने से अहोई मां उन्हें लम्बी उम्र का आशीर्वाद देते हैं। संतान की सलामती से जुड़े इस व्रत का बहुत महत्व है।
हिन्दू धर्म में अष्टमी तिथी का खासा महत्व है। नवरात्रों की अष्टमी हो या कार्तिक महीने की इसे बेहद खास माना जाता है। इस अष्टमी को अहोई अष्टमी भी कहते हैं। कार्तिक का महीना शुरू होते ही त्योहारों का मौसम शुरू हो जाता है। इस बार अहोई अष्टमी का ये व्रत 21 अक्टूबर को पड़ रहा है। संतान की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले इस व्रत को लेकर काफी मान्यता है।
माना जाता है कि अहोई माता का ये व्रत रखने और उनकी दिल से पूजा करने से अहोई मां उन्हें लम्बी उम्र का आशीर्वाद देते हैं। संतान की सलामती से जुड़े इस व्रत का बहुत महत्व है। साथ ही इस दिन की पूजा को विशेष पूजा भी कहा जा सकता है। इस पूजा में महिलाएं चांद को देखकर व्रत खोलती हैं। साथ ही अपने पुत्रों के लिए यह व्रत करती हैं।
इस साल अहोई अष्टमी का ये त्योहार 21 अक्टूबर को पड़ रहा है। अहोई अष्टमी को कालाष्टमी भी कहते हैं। इस दिन मथुरा के राधा कुंड में लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली से आठ दिन पहले रखा जाता है।
ये है शुभ पूजा मुहूर्त
पूजा का समय- 21 अक्टूबर 2019 को शाम 05:45 बजे से 07:02 बजे तक
इस साल तारों के दिखने का समय- शाम 06:10 बजे
चंद्रोदय- 21 अक्तूबर 2019 को रात्रि 11:46
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 21 अक्तूबर 2019 को प्रातः 6:44 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त- 22 अक्तूबर 2019 को प्रातः 5:25 बजे
ऐसे करें अहोई माता की पूजा
* सुबह के समय जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
* अब मंदिर की दीवार पर गेरू और चावल से अहोई माता यानी कि मां पार्वती और स्याहु व उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं। आप चाहें तो बाजार में मिलने वाले पोस्टर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
* अब एक नए मटके में पानी भरकर रखें, उसपर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं, अब मटके के ढक्कन पर सिंघाड़े रखें। घर में मौजूद सभी बुजुर्ग महिलाओं को बुलाकर सभी के साथ मिलकर अहोई माता का ध्यान करें और उनकी व्रत कथा पढ़ें। सभी के लिए एक-एक स्वच्छ कपड़ा भी रखें।
* कथा खत्म होने के बाद इस कपड़े को उन महिलाओं को भेंट कर दें।
* रखे हुए मटके का पानी खाली ना करें इस पानी से दीवाली के दिन पूरे घर में पोंछा लगाएं। इससे घर में बरकत आती है।
* रात के समय सितारों को जल से अर्घ्य दें और फिर ही उपवास को तोड़ें।
अहोई अष्टमी का शुभ संयोग
इस बार करवाचौथ के व्रत में चंद्रमा- पुष्य नक्षत्र योग -साध्य सर्वार्थ सिद्धि योग लग रहा है। शाम 5 बजकर 33 मिनट से अगले दिन 6 बजकर 22 मिनट तक अहोई अष्टमी के दिन चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहेगा। साथ ही इसी दिन साध्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे योग बन रहे हैं। इस योग में अहोई अष्टमी की पूजा बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।
मान्यता है कि यदि इस मुहूर्त में माताएं अहोई अष्टमी की पूजा करती हैं तो न केवल उनकी संतान की उम्र लंबी होगी बल्कि उनकी संतान की सभी परेशानियां भी समाप्त हो जाएगी। इसलिए इस योग में पूजा अवश्य करें। इसके अलावा इस दिन अभिजित मुहूर्त और अमृत काल मुहूर्त भी है इसलिए इस बार की अहोई अष्टमी का पूजा का मुहूर्त सर्वार्थ सिद्धि योग में होने के कारण पूजा के भी शुभ पल प्राप्त होंगे।