आज दुनियाभर में वैलेंटाइन डे (Valentine Day) की धूम है। तेजी से बदलते दौर में प्यार जताने के तरीके बदले हैं। लव लेटर, शायरी गुजरे जमाने की बात हो गई। सोशल मीडिया का जमाना है। नजरें मिलती हैं, नंबर शेयर होता है और इश्कबाजी शुरू हो जाती है। बेशक दिलों में मोहब्बत का एहसास आज भी वैसा ही है लेकिन जो मजा प्रेम पत्रों और शेर-ओ-शायरी में था, वो अब इस "मॉडर्न लव' में नहीं रह गया।
खैर, जमाना चाहे कितना ही मॉडर्न क्यों न हो गया हो लेकिन आज भी कुछ लोगों ने प्यार की पुरानी 'सामग्री' को कई तरीकों से जिंदा रखा हुआ है। इन लोगों में ऑटो चालकों का पहला स्थान है। प्रेम को लेकर गढ़ी गई कुछ शायरी किताब के पन्नों में छपने की बजाए ऑटो-रिक्शा में स्टिकर के तौर पर चिपक गई।
आप अक्सर ऑटो में चिपके स्टिकर में पढ़ते होंगे। गहराई से सोचने पर आपको इन बेवजह की पंक्तियों में एक अजीब दर्द, मिठास, एहसास, पागलपन और मोहब्बत नजर आएगी। इस वैलेंटाइन डे अपने पार्टनर को यह शायरी जरूर सुनाएं, यकीनन उसके चेहरे पर एक प्यार भरी मुस्कान जरूर आ जाएगी।
1) चलती है गाड़ी, उड़ती है धूलमेरी महबूबा के बालों में गुलाब का फूल
2) ये किसने कह दिया तुमसे कि बाज़ी हार बैठे हैं हममोहब्बत में लुटाने को अभी तो जान भी बाकी है
3) ऐ मालिक क्यों बनाया गाड़ी बनाने वाले को महबूबा से दूर कर दिया गाड़ी चलाने वाले को
4) यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हंसते हुए छोड़ गयाके तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए
5) दिन है तो रात भी होगी, रूठी है तो बात भी होगी घबरा नहीं ए दिल, कभी-कभी मुलाक़ात भी होगी
6) आपके नेचर ने हम पर इतना इफेक्ट किया सबको रिजेक्ट कर हमने आपको सेलेक्ट किया
7) पत्ते हिलते नहीं, हवा हिला देती है सच्चे आशिकों को कुदरत मिला देती है
8) बुलबुल भी चहचाने लगती है सावन में जब छाती है घटा तुम्हे चूमने को दिल चाहता है जरा गालों से जुल्फें तो हटा
9) मंदिर जाकर यही फरियाद करता हूं खुदा उसको सलामत रखे जिसे मैं प्यार करता हूं
10) दिल लगाया था दिल्लगी के लिए रोग लग गया ज़िन्दगी के लिए
11) वो लड़की कितनी प्यारी थी जिसको आंख मैंने मारी थी वो सैंडल कितनी भरी थी जो उसने मुझको मारी थी
12) दिल के बाजार में दौलत नहीं देखी जाती ऑटो वाला अच्छा हो तो कीमत नहीं देखी जाती
13) कौन कहता है कि मौत आएगी और मैं मर जाऊंगा मैं तो दिल्ली का ड्राइवर हूं कट मारकर निकल जाऊंगा
14) तकदीर बनाने वाले, तूने कमी नहीं कीकिसको क्या मिला, ये मुक़द्दर की बात है
15) हमें अहबाब की लंबी कतारों से नहीं मतलबजो दिल से हमारा हो, हमें वो इक शख्स काफी है