Relationship Tips: पार्टनर संग गंभीर विषय पर चर्चा करने के लिए काम आएंगी ये 9 टिप्स, खराब नहीं होगा रिश्ता

By मनाली रस्तोगी | Published: July 2, 2022 03:21 PM2022-07-02T15:21:01+5:302022-07-02T15:21:07+5:30

रिश्ते में अक्सर ऐसे हालात हमारे सामने आते हैं जब हम नहीं जानते कि अपने विचारों को कैसे संप्रेषित करें और उन्हें ऐसे शब्दों में बयां करें जिन्हें गलत नहीं समझा जाना चाहिए और सबसे जरूरी बात ये है कि दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।

How to have difficult conversations with your partner | Relationship Tips: पार्टनर संग गंभीर विषय पर चर्चा करने के लिए काम आएंगी ये 9 टिप्स, खराब नहीं होगा रिश्ता

Relationship Tips: पार्टनर संग गंभीर विषय पर चर्चा करने के लिए काम आएंगी ये 9 टिप्स, खराब नहीं होगा रिश्ता

Relationship Tips: हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते ही हैं। इसी तरह हर कपल के बीच किसी न किसी बात को लेकर मतभेद भी रहते हैं। ऐसे में कई बार ऐसी परिस्थिति जब हमें अपने पार्टनर के साथ उन मुद्दों पर भी बातचीत करनी होती है, जिनसे हम बचने की कोशिश करते हैं। रिश्ते में अक्सर ऐसे हालात हमारे सामने आते हैं जब हम नहीं जानते कि अपने विचारों को कैसे संप्रेषित करें और उन्हें ऐसे शब्दों में बयां करें जिन्हें गलत नहीं समझा जाना चाहिए और सबसे जरूरी बात ये है कि दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए।

इरादा: हमें पहले उस इरादे को सुलझाना चाहिए जिससे हम बातचीत शुरू करेंगे। यह एक कठिन स्थिति, अनसुलझे आघात या बहस से संबंधित हो सकता है। जब हमारा इरादा पक्का हो, तो हमें अपने पार्टनर के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए। 

बात सुनें: जब भी हम किसी गंभीर मुद्दे पर बात करने की सोचते हैं या कर रहे होते हैं तो सबसे पहले आप भी कोशिश करें कि आप अपने पार्टनर को सुनें। जैसी आप चाहते हैं कि आपको सुना जाए, वैसे ही सामने वाला भी आपसे यही अपेक्षा करता है कि आप उन्हें सुनें। इसलिए हमें केवल जवाब देने के बजाय समझने के इरादे से सुनना चाहिए।

अपने लिए आवाज उठाएं: रिश्ते से हम क्या प्राप्त करना चाहते हैं, इसके बारे में हम सभी की अपनी इच्छाएं, जरूरतें और अपेक्षाएं होती हैं। इसलिए हमारे दृष्टिकोण से उसी के लिए बोलने वाले वाक्यों का उपयोग करने की अनुशंसा की जाती है।

एक बार में उठाएं एक मुद्दा: जब हम भावनात्मक बातचीत कर रहे होते हैं, तो हम अक्सर वास्तविक विषय से ध्यान खो देते हैं। फोकस को बरकरार रखना और एक समय में एक मुद्दे या एक विषय को संबोधित करना जरूरी है।

बारी-बारी से करें बात: हमें पार्टनर को भी बोलने देना चाहिए और हमें सुनना चाहिए। इसलिए हमें बारी-बारी से मुद्दों पर बोलना और बात करना चाहिए। जब हम बारी-बारी से बात करते हैं तो इससे बहस होने के अवसर भी बेहद कम हो जाते हैं। अगर आप दोनों ही एक बार में बोलेंगे तो आप दोनों ही एक दूसरे की बात कभी समझ नहीं पाएंगे। हो सकता है कि इस दौरान दोनों के बीच बहस भी बढ़ जाए।

अपमानजनक भाषा का न करें इस्तेमाल: हमें हर समय चिल्लाने, अस्वस्थ आलोचना और अपमानजनक भाषा से बचना चाहिए। यह वास्तविक बातचीत से ध्यान हटाता है और चर्चा को विषाक्त बनाता है। यही नहीं, इससे आप दोनों के बीच चीजें और खराब हो जाती हैं। इसलिए कभी भी गंभीर मुद्दे पर चर्चा का करें तो आराम से बैठकर करें। 

समय लेकर करें बात: गंभीर मुद्दे पर बातचीत थकाऊ हो सकती है। जरूरत पड़ने पर टाइम-आउट लें और जब आपको लगे कि आप फिर से उस जगह पर हैं तो बातचीत पर वापस आएं। 

ईमानदारी: पार्टनर के प्रति अपनी भावनाओं के बारे में पारदर्शी और ईमानदार होना जरूरी है। 

समस्या खत्म करें: जब हम उस व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम शिकायत करना समाप्त कर देते हैं। समस्या का समाधान करना महत्वपूर्ण है, न कि व्यक्ति की आलोचना करना।

Web Title: How to have difficult conversations with your partner

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