मौजूदा समय में सभी लोग अपनी जिंदगी में व्यस्त हो गए हैं। सभी पर काम बोझ इतना होता है कि ऑफिस या बिजनेस से फेस्टिवल के दिन भी छुट्टी मिलनी मुश्किल हो जाती है। ऐसे में सभई का आपस में मिलना संभव नहीं होता।
दिवाली हो चाहें कोई दूसरा फेस्टिवल, किसी भी त्योहार का मतलब है परिवार का साथ, परिवार के साथ। अगर पूरे फेस्टिवल सीजन में अलग-अलग जगहों पर पार्टियों का आयोजन हों तो बहुत सारे लोग आपस में मिल सकते हैं। एक ही जगह पर पार्टी होने से लोगों की संख्या ज्यादा होती है।
ऐसे में अगर हर घर में छोटी-छोटी पार्टियों का अरेंजमेंट किया जाए तो ज्यादा लोगों के आपस में मिलने का अवसर मिलता है। अलग-अलग पार्टियों को आयोजित करने का फायदा ये होता है कि दोस्तों और रिश्तेदारों से बारबार मुलाकात होने लगती है, जिससे कई बार बिगड़े हुए रिश्ते भी सहज हो जाते हैं।
हम आपको बता रहे हैं ऐसी कुछ बातें जो इस दिवाली आपके और आपके रिश्तेदारों के बीच के रिश्ते को और मजबूत करेगा। साथ ही इससे परिवार के लोगों के बीच बॉडिंग भी बनी रहेगी।
हर घर हो पार्टी
आज के समय में घरों में इतनी जगह नहीं रहती है कि वहां पर किसी बड़ी पार्टी का आयोजन किया जा सके। ऐसे में छोटी-छोटी पार्टियां की जा सकती है। इससे ज्यादा खर्चा भी नहीं आता और काम का बोझ भी नहीं पड़ता। इसके साथ ही बार-बार मिलने से आप एक-दूसरे के करीब भी आते हैं और एक-दूसरे की खुशियों और प्रॉब्लम के बारे में जान पाते हैं। ऐसे में फेस्टिवल पार्टी के बहाने एक-दूसरे से जल्दी-जल्दी मिलना हो जाता है।
इससे आपसी संबंध मजबूत होते है। एक-दूसरे के घर परिवार, बच्चों का भी पता चलता है। जिससे केवल दोस्ती भरे रिश्ते ही मजबूत नहीं होते बल्कि कई बार आपस में रिश्तेदारी करने में भी मदद मिल जाती है।
कारोबार ही नहीं, नाते-रिश्ते भी
मिलने जुलने से कारोबार की संभावनाएं तो बढ़ती हीं है, साथ ही आपको नए काम के लिए भरोसेमंद लोग भी मिल जाते हैं। दिखने में यह फेस्टिवल पार्टी सिर्फ सामान्य पार्टी जैसी ही दिखती है लेकिन असल में यह आपसी तालमेल को लंबे समय तक बनाए रखने का काम कर सकती है। पार्टी को रोचक बनाने के लिए कुछ गेम्स तैयार किए जा सकते हैं।
नशे को रखें दूर
ज्यादातर पार्टियों में धूम्रपान और ड्रिंक का अरेंजमेंट किया जाता है। लेकिन कई बार खुशियों वाली पार्टी लड़ाई में बदल जाती है। इसके साथ ही पार्टी में खाने का मैन्यू भी इस तरह से तैयार हो कि सभी को पसंद आए। यह न हो कि कुछ खाने की चीजें ऐसी हों जो लोग पसंद न करें।
दिन का रखें ख्याल
पार्टी का समय इस तरह से रखा जाए जिस में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हो सकें। कई बार टाइम ठीक से नहीं होता तो लोग पूरी संख्या में शामिल नहीं हो सकते। बेहतर होता है कि छुट्टी के दिन इस को रखें। इस से सभी लोग पार्टी का हिस्सा बन सकते हैं।
घटाएं खर्च
मिलजुल कर त्योहार मनाने से त्योहार में होने वाला खर्च कम हो जाता है और ज्यादा लोगों के होने से मजा भी ज्यादा होता है। अपने घर-परिवार से दूर रह कर भी घर जैसे मजे ले सकते हैं। आज के समय में ज्यादातर लोग अपने शहर और घर से दूर कमाई के लिए दूसरे शहरों में रहते हैं। अपने घर जाने के लिए उनको छुट्टी लेनी होती है। कई बार छुट्टियों में घर जाने के लिए रेलवे, बस और हवाई जहाज के महंगे टिकट लेने पड़ते हैं।
ऐसे में त्योहारों की पार्टी घर-घर होने से सब आपस में मिल लेते हैं। इन का आयोजन मिलजुल कर भी कर सकते हैं। इस से सभी लोगों की हर तरह से भागीदारी रहती है और कोई अपने को बोझ नहीं समझता। कम खर्च में अच्छा आयोजन हो जाता है। जिस तरह से आज आपस में दूरियां बढ़ रही हैं उसे कम करने का यह सब से अच्छा माध्यम है कि त्योहारों की खुशियां मिलजुल कर मनाएं।