एक वर्किंग वुमन के लिए घर और ऑफिस दोनों को संभालना काफी मुश्किल होता है। उसकी आधी जिन्दगी तो इन दोनों को बैलेंस करने में ही निकल जाती है। लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती तब आती है जब उसे बेबी प्लान करना पड़ता है। क्योंकि एक बार बच्चा इस दुनिया में आ जाए तो ना केवल उसकी रूटीन पर, साथ ही उसके करियर पर भी इसका असर पड़ता है। यही कारण है कि महिलाओं के लिए यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि वे कब बच्चे के बारे में सोचें ताकि उनके करियर पर अधिक असर ना पड़े।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में प्रेगनेंसी के सही समय के बारे में बताया गया है। महिलाओं को जीवन के किस मोड़ पर आकर बच्चों के बारे में सोचना चाहिए ताकि उनके करियर पर कोई फर्क ना पड़े, इस बारे में शोध में रिजल्ट शामिल किए गए हैं।
यह शोध वाशिंगटन यूनिवर्सिटी द्वारा करवाया गया है जहां शोधकर्ताओं ने 25 से 60 वर्ष की तकरीब 16 महिलाओं को शोध का हिस्सा बनाया। इन महिलाओं से उनके करियर को लेकर कुछ सवाल किए गए। बच्चा प्लान करने से लेकर बच्चे के आने के बाद लाइफस्टाइल और करियर में क्या-क्या बदलाव आए, इसकी रिपोर्ट तैयार की गई।
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इन महिलाओं को हुए पैसे की दिक्कत
शोध के अंत में आए रिजल्ट के मुताबिक जिन महिलाओं ने 25 की उम्र से पहले ही मां बनने का फैसला लिया, उन्हें जीवनभर पैसे के मामले में दिक्कत हुई। जल्दी बच्चा प्लान करने से उनके करियर पर भी असर पड़ा और वे पैसे के मामले में अधिक तरक्की नहीं पर पाईं। 28 से 31 साल की उम्र के बीच बच्चे को जन्म देने वाली महिलाएं भी पैसे के मामले में थोड़ी पीछे रह गईं।
इन्होंने सही टाइम पर किया बच्चा प्लान
लेकिन दूसरी ओर वे महिलाएं जो 31 साल की उम्र के बाद मां बनी, उनके करियर पर प्रेगनेंसी और बच्चे का खास फर्क नहीं पड़ा। क्योंकि बच्चा आने तक वे इतना पैसा कमा चुकी थीं जिनसे उनकी कुछ समय की जरूरतें पूरी हो जाएं और फिर समय रहते इन महिलाओं ने अपने करियर को भी संभाल लिया।
37 के बाद प्रेगनेंसी
जिन महिलाओं ने 37 की उम्र के बाद बच्चा प्लान करने की सोची, उन्हें भी करियर में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लेकिन फिर भी ये महिलाएं उन महिलओं से बेहतर हालात में थीं जिन्होनें 25 से पहले ही बेबी प्लान कर लिया था।
शोधकर्ताओं की राय
शोधकर्ताओं ने बताया कि शोध की हिस्सा बनी हर महिला का करियर और लाइफस्टाइल काफी लगा था, लेकिन बच्चा आ जाने के बाद हर महिला को तकरीबन एक जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर बच्चे के आ जाने तक वे करियर में कुछ सफलता हासिल कर लें, तो आगे चलकर परेशानी नहीं होती है। शोध के अंत में शोधकर्ताओं ने कहा कि यह शोध सरसरे तौर पर हर तरह की महिला पर लागू की जा सकती है, लेकिन फिर भी एक महिला जब तक मानसिक रूप से खुद बच्चा पैदा करने के लिए तैयार ना हो, उसे ऐसा फैसला नहीं लेना चाहिए।