लव हो या अरेंज, शादी के कुछ ही महीनों में लड़कियों को होता है इन 5 बातों पर पछतावा
By गुलनीत कौर | Published: August 13, 2018 11:45 AM2018-08-13T11:45:24+5:302018-08-13T11:45:24+5:30
जब पति अपनी दूसरी सहेलियों, अपने दोस्तों की बीवियों या यहां तक कि अपनी 'एक्स' से भी बीवी की तुलना करने लगे तो इस बात से हताश होकर अपने शादी के फैसले पर लड़कियों को अफसोस होता है।
शादी का फैसला लेना लड़के या लड़की दोनों के लिए ही मुश्किल होता है। इस एक फैसले पर आने वाली पूरी जिन्दगी निर्भर करती है। इसलिए कहा जाता है कि इस फैसले को बहुत सोच समझकर लेना चाहिए। लेकिन कितना ही देखना-परखना क्यों ना कर लिया जाए, शादी के बाद लड़कियां कुछ बातों को लेकर जरूर पछताती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे बातें:
1. मी-टाइम नहीं
अंग्रेजी का 'मी' मतलब मेरा या अपना। शादी के बाद लड़की वर्किंग हो तो ऑफिस का काम, उसके साथ घर का काम, सास-ससुर और पति की जिम्मेदारी और कुछ समय के बाद बच्चों की भी जिम्मेदारी उसपर आ जाती है। इस बीच उसे खुद के लिए कभी समय नहीं मिलता। शादी से पहले उसे खुद को निखारने, संवारने, खुद के भविष्य के बारे में सोचने का समय मिलता था। लेकिन शादी के बाद जिन्दगी पूरी तरह पलट जाने पर उसे पछतावा होने लगता है।
2. पर्सनल स्पेस नहीं
शादी से पहले लड़कियां अपने हिसाब से जिन्दगी जीती हैं और उनकी लाइफ में दूसरों का दखल ना के बराबर होता है। लेकिन शादी के बाद हालात बिलकुल उलट होते हैं। हर छोटी से बड़ी बात में जीवनसाथी और ससुराल वालों का दखल होना, उनका परामर्श होना सामान्य होता है। लेकिन कई बार इन बातों से परेशानी होने लगती है।
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3. खुद को बदलना
शादी के बाद पति और ससुराल वालों को केवल खुश रखना ही चैलेंज नहीं होता है। खुद को हर पल बदलते रहना भी निरंतर आने वाली चुनौतियों में से एक होता है। हर बात पर समझौता करना और दूसरों के हिसाब से खुद में बदलाव लाना। ऐसी परिस्थितियों में फंस जाने के बाद लड़कियां पछताती हैं।
4. दूसरों से तुलना
जब पति अपनी दूसरी सहेलियों, अपने दोस्तों की बीवियों या यहां तक कि अपनी 'एक्स' से भी बीवी की तुलना करने लगे तो इस बात से हताश होकर अपने शादी के फैसले पर लड़कियों को अफसोस होता है। तब उन्हें लगता है कि इतनी कोशिशों के बाद भी अगर पार्टनर को उनमें कमियां ही दिखती हैं तो इससे अच्छा वे हमेशा सिंगल ही रहती।
5. बेबी प्लानिंग
आजकल के मॉडर्न जमाने में लड़कियां भले ही वर्किंग वुमन हों या हाउस वाइफ, वे बच्चे के बारे में तभी सोचना चाहती हैं जब उनका मन करे। लेकिन अगर सुसराल वालों, रिश्तेदारों या पति की तरफ से मतजी के विरुद्ध जाकर प्रेशर आने लगे तो उन्हें शादी नाम से चिड़ होने लगती है। तब उन्हें यह एहसास होता है कि अपनी जिन्दगी का इतना बड़ा फैसला भे ईव खुद नहीं ले सकती हैं।
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