Assembly Elections 2023: रिजल्ट से पहले बागी और निर्दलीय प्रत्याशियों की बल्ले-बल्ले!, कांग्रेस-भाजपा ने डोर डालना शुरू किया, घनघना रहे कॉल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 2, 2023 06:56 PM2023-12-02T18:56:00+5:302023-12-02T18:57:12+5:30
Assembly Elections 2023: कुल मिलाकर 1862 उम्मीदवार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने इस बात की पूरी तैयारी की है कि चुनाव जीतने वाले निर्दलीय तथा बागी उम्मीदवार उनके खेमे में आएं।
Assembly Elections 2023: राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने मतगणना से पहले बागी तथा मजबूत दिख रहे निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। राजस्थान में 199 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान में वोटों की गिनती रविवार को होगी।
इन सीटों पर कुल मिलाकर 1862 उम्मीदवार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं राज्य की दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने इस बात की पूरी तैयारी की है कि चुनाव जीतने वाले निर्दलीय तथा बागी उम्मीदवार उनके खेमे में आएं। एग्जिट पोल पूर्वानुमानों पर भरोसा किया जाए तो राज्य में इस बार कांग्रेस तथा भाजपा के बीच कड़ी टक्कर नजर आ रही है।
अगर किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो निर्दलीय और बागी उम्मीदवारों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। इस विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के लगभग 40 उम्मीदवार ऐसे हैं जो पार्टी की टिकट नहीं मिलने पर बागी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की।
यह मुलाकात एग्जिट पोल के पूर्वानुमान जारी होने के बाद हुई। इसके अगले दिन यानी शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी राज्यपाल से मिलीं। जहां अधिकांश एग्जिट पोल ने राज्य में भाजपा को बढ़त मिलने की भविष्यवाणी की है, तीन एग्जिट पोल ने कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की है।
कांग्रेस और भाजपा, दोनों के ही नेताओं ने अपनी अपनी पार्टी की सरकार बनने का दावा किया है। कांग्रेस सूत्रों ने एक बार फिर पार्टी की सरकार बनने का भरोसा जताते हुए कहा, 'पार्टी के नेता निर्दलीय व बागी उम्मीदवारों के संपर्क में हैं।' इसी तरह, भाजपा के सूत्रों ने यह भी कहा कि नेता पार्टी के उन बागियों से संपर्क कर रहे हैं जिन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था।
ये पार्टियां बागियों के साथ साथ जरूरत पड़ने पर छोटे दलों के साथ चुनाव बाद गठबंधन की संभावनाएं तलाश रही हैं। हालांकि यह सारी कवायद चुनाव के परिणामों पर निर्भर करेगी। राज्य में चुनाव लड़ने वाली अन्य पार्टियों में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी), भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी), राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) तथा माकपा शामिल हैं।
इस चुनाव में भाजपा ने कोई चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं किया है वहीं कांग्रेस ने अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के लिए एक सीट (भरतपुर) छोड़ दी है। भाजपा के बागी उम्मीदवारों में चंद्रभान सिंह आक्या (चित्तौड़गढ़), यूनुस खान (डीडवाना), कैलाश मेघवाल (शाहपुरा), आशा मीणा (सवाई माधोपुर), आशु सिंह सुरपुरा (झोटवाड़ा), रोहिताश्व शर्मा (बानसूर) शामिल हैं।
जबकि कांग्रेस के बागी उम्मीदवार वीरेंद्र बेनीवाल (लूणकरनसर), गोपाल बाहेती (पुष्कर), रामचन्द्र सराधना (विराट नगर) आदि शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 199 सीटों में से 99 सीटें हासिल की थीं और सरकार बनाई थी, जबकि उसकी सहयोगी आरएलडी ने भी एक सीट जीती थी।
कांग्रेस ने बाद में एक सीट (रामगढ़) जीती जहां बसपा उम्मीदवार के निधन के कारण बाद में चुनाव हुए। सितंबर 2019 में, सभी छह बसपा विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए, जिससे विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो गई। इस बार भी राज्य में 200 में से 199 सीटों पर चुनाव हुआ है। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया है।