'हमें एक बिल दिखा दो...', गुरबाणी के मुफ्त प्रसारण पर विवाद के बीच चैनल प्रमुख ने दी एक करोड़ रुपये की चुनौती, कहा- पीटीसी नेटवर्क पहले से 'फ्री टू एयर' है
By विनीत कुमार | Published: June 20, 2023 12:49 PM2023-06-20T12:49:29+5:302023-06-20T13:05:09+5:30
पंजाब में स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी के निशुल्क प्रसारण पर मचे विवाद के बीच पीटीसी नेटवर्क की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। पीटीसी न्यूज नेटवर्क के प्रमुख ने कहा है कि यह पहले से फ्री टू एयर है।
चंडीगढ़: स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का निशुल्क प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन करने के पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के प्रस्ताव को लेकर जारी घमासान के बीच पीटीसी चैनल की प्रतिक्रिया सामने आई है। फिलहाल पीटीसी न्यूज नेटवर्क ही पिछले करीब 10 सालों से स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का लाइव टेलिकास्ट करता रहा है।
इस चैनल के प्रमुख ने पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल को चुनौती देते हुए कहा है कि वे एक ग्राहक का भी बिल लाकर दिखा दें जिससे साबित हो कि उसे गुरबाणी के लिए चैनल को सब्सक्राइब करने की जरूरत पड़ी। उन्होंने देश भर में किसी को भी इसके लिए एक करोड़ रुपये का इनाम देने की भी घोषणा की, जो यह दिखा दे कि किसी को सदस्यता लेने के लिए भुगतान करना पड़ा।
पीटीसी नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रवींद्र नारायण ने कहा, 'गुरबानी पहले से ही मुफ्त है। सभी पीटीसी नेटवर्क चैनलों को भारत सरकार द्वारा फ्री-टू-एयर चैनलों के रूप में नामित किया गया है। कोई केबल ऑपरेटर, डीटीएच ऑपरेटर, कोई पैसा नहीं लेता है। यह यूट्यूब और फेसबुक पर भी मुफ्त में उपलब्ध है। तो कैसे वे गुरबानी को फ्री टू एयर बनाने की कोशिश का दावा कर रहे हैं?'
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कल कहा था कि गुरबाणी सबका अधिकार है और यह नि:शुल्क होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करने के बाद सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन की योजना बना रहे हैं।
हालांकि, सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति’ ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा।
मान ने दावा किया था कि यह फैसला दुनिया भर के सिख समुदाय की भावनाओं के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि गुरबाणी को एक चैनल तक सीमित रखने के बजाय इसका निशुल्क प्रसारण किया जाना चाहिए। फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रमुख एच.एस. धामी ने कहा कि पंजाब सरकार को सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और उसे सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है।