लखनऊः बसों को लेकर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है। दोनों तरफ से एक दूसरे को कई पत्र लिखे गए हैं और जमकर राजनीति हो रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कांग्रेस पर हमला बोला है और कहा है कि इससे पहले किसी ने पार्टी ने इतना घिनौनी मजाक नहीं किया होगा।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, दिनेश शर्मा ने कहा कि जब कांग्रेस द्वारा भेजी गई बसों की सूची का विश्लेषण किया गया तो पाया गया कि ये बसें राजस्थान सरकार की हैं और इनमें से 460 वाहन फर्जी निकले। आपदा के वक्त इतना घिनौना मजाक शायद इससे पहले किसी बड़े राजनीतिक दल ने कभी नहीं किया होगा।
प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश भेजने के लिए कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों को आगरा जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने के विरोध में धरने पर बैठे प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ महामारी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है। आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इनके खिलाफ धारा 188 और धारा 269 में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी के खिलाफ फतेहपुर सीकरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इधर, कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बसें बुधवार शाम पांच बजे तक राजस्थान से लगी उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी रहेंगी और उत्तर प्रदेश सरकार को इन्हें जाने की अनुमति देनी चाहिए। यह घटिया राजनीति की चरम सीमा है। अजय सिंह बिष्ट सरकार (योगी आदित्यनाथ सरकार) गोल-गोल घूमा रही है। इस राजनीति का औचित्य क्या है? हम सरकार के इस रुख की कड़ी निंदा करते हैं।
सिंघवी के मुताबिक मई के अंत की चिलचिलाती गर्मी के बीच और पैर में छाले लेकर श्रमिक चल रहे हैं, लेकिन बसों को रोका जा रहा है और सस्ती राजनीति की जा रही है। प्रियंका गांधी ने खुद कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चाहें तो बसों पर भाजपा के अपने बैनर-झंडे लगा लें, लेकिन बसों को जाने की अनुमति दें। अभी समय है। हमारी बसें आज चार बजे तक वहां रहेंगी। अगर अजय सिंह बिष्ट को जनादेश और जनता की चिंता है तो तुरंत बसों को चलाने की अनुमति दीजिए।
बसों के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि कांग्रेस ने 1000 से अधिक बसों का जो विवरण मुहैया कराया उनमें कुछ दोपहिया वाहन, एंबुलेस और कार के नंबर भी हैं। इस पर कांग्रेस ने कहा कि उसकी ओर से मुहैया कराई गई सूची में उत्तर प्रदेश सरकार ने खुद 879 बसों के सही होने की पुष्टि की है और उसे अब इन बसों को चलाने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए।