आखिरकार येदियुरप्पा को कर्नाटक मंत्रिमंडल के विस्तार की मंजूरी मिली, शामिल हो सकते हैं 11 मंत्री
By भाषा | Published: January 31, 2020 08:32 PM2020-01-31T20:32:00+5:302020-01-31T20:32:00+5:30
येदियुरप्पा ने बताया कि अगले एक दो दिन में शपथ ग्रहण की तिथि निर्धारित कर दी जाएगी । उन्होंने हालांकि संकेत दिया कि तीन फरवरी को शपथ ग्रहण हो सकता है। मौजूदा समय में राज्य मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री समेत 18 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 सदस्य हो सकते हैं और फिलहाल इसमें 16 लोगों को शामिल किये जाने की गुंजाइश है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को शुक्रवार को प्रदेश में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिल गयी है और मंत्रिपरिषद में 11 मंत्रियों को शामिल किये जाने की संभावाना है।
येदियुरप्पा ने बताया कि अगले एक दो दिन में शपथ ग्रहण की तिथि निर्धारित कर दी जाएगी । उन्होंने हालांकि संकेत दिया कि तीन फरवरी को शपथ ग्रहण हो सकता है। मौजूदा समय में राज्य मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री समेत 18 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 सदस्य हो सकते हैं और फिलहाल इसमें 16 लोगों को शामिल किये जाने की गुंजाइश है।
येदियुरप्पा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने हमारे अधिकतर सुझावों को स्वीकार कर लिया है। अगर कोई मतभेद है तो हम बेंगलुरु में इस पर चर्चा करेंगे और अंतिम रूप दे देंगे।’’
उन्होंने बताया कि एक या दो को छोड़कर जद (एस), कांग्रेस के अयोग्य करार दिये गए अधिकतर विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा जो भाजपा के टिकट पर दोबारा निर्वाचित हुए हैं । उन्होंने कहा कि अब कोई अतिरिक्त उप मुख्यमंत्री नहीं होगा।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि राज्य मंत्रिपरिषद में 11 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। येदियुरप्पा ने बताया, ‘‘हमने आज और कल दोनों दिन चर्चा की। शाह ने लगभग सभी सुझावों पर सहमति जतायी है।’’ उन्होंने कहा कि कैबिनेट विस्तार के लिए हरी झंडी मिलने के बाद वह प्रसन्न होकर वापस जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश होकर वापस जा रहा हूं ।’’ येदियुरपा को लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार के लिये पार्टी आलाकमान की मंजूरी की प्रतीक्षा थी।
भाजपा विधायक ने सभी दलबदलुओं को कैबिनेट में शामिल किये जाने की मांग की
जदएस एवं कांग्रेस के अयोग्य करार दिये गए तथा भाजपा के टिकट पर दोबारा निर्वाचित 11 विधायकों में से एक प्रमुख नेता ने शुक्रवार को कहा है कि उन सभी को (सभी दलदबलुओं को) मंत्री बनाया जाना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्नाटक मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को राज्य मंत्रिपरिषद के विस्तार के लिए पार्टी आलाकमान से मंजूरी मिल गयी है।
प्रदेश में कांग्रेस जद एस सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले गोकाक के विधायक रमेश जरकिहोली ने उन दो अन्य दलबदलुओं को भी कैबिनेट में शामिल किये जाने की मांग की, जो दिसंबर के उपचुनाव में हार गये थे । कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये जरकिहोली ने कहा कि अंतिम निर्णय हालांकि, पार्टी केंद्रीय नेतृत्व लेगा । जरकिहोली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम लागातार जोर दे रहे हैं कि सभी 11 को मंत्री का पद मिलना चाहिए। जो लोग चुनाव हार चुके हैं उसके बारे में आज निर्णय नहीं हो सका है ।
लेकिन हम अपील करते हैं कि उन्हें मंत्री बनाया जना चाहिए ।’’ उन्होंने इन खबरों को मीडिया की अटकलें करार दिया कि कुछ दलबदलुओं को मंत्री पद नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग यह है कि हम सभी 11 विधायकों को मंत्री बनाया जाना चाहिए क्योंकि हमने विधायक के तौर पर इस्तीफा देकर बलिदान दिया है और जोखिम उठाया है। जो हार गए हैं उन्हें भी मंत्री बनाया जना चाहिए लेकिन हम इसे आलाकमान पर छोड़ते हैं ।’’
जरकिहोली ने बताया कि कांग्रेस - जद एस के विधायक के रूप में उनके इस्तीफे के पीछे भाजपा नहीं थी लेकिन जे पी नड्डा की पार्टी उनके साथ अच्छा व्यवहार कर रही है। जरकिहोली के बयान में कुछ ही देर बाद येदुयुरप्पा को कैबिनेट विस्तार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिल गयी । दूसरी ओर येदियुरप्पा ने बताया कि एक या दो को छोड़कर जद (एस), कांग्रेस के अयोग्य करार दिये गए अधिकतर विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा जो भाजपा के टिकट पर उपचुनाव में दोबारा निर्वाचित हुए हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोई अन्य उप मुख्यमंत्री नहीं होगा । कांग्रेस और जद एस के सभी 17 विधायकों को पिछले साल तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार दिया था, इससे पहले इन विधायकों ने प्रदेश की गठगबंधन सरकार के खिलाफ बगावत किया था जिसके बाद 13 जुलाई को सरकार गिर गयी थी । इनमें से 13 नेताओं ने विधानसभा उप चुनाव लड़ा और ए एच विश्वनाथ (हंसूर) तथा एम टी बी नागराज (होसकोटे) को छोड़कर सभी ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की ।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि येदियुरप्पा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा के टिकट पर उपचुनाव जीतने वाले 11 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा । उन्होंने बताया कि पार्टी केंद्रीय नेतृत्व सभी दलबदलुओं को मंत्री बनाने की इच्छुक नहीं है और चाहता है कि पार्टी के विश्वस्तों को मंत्री बनाया जाना चाहिए । विश्वनाथ एवं नागराज खुले तौर पर अपने लिए कैबिनेट का पद मांग रहे हैं और कहा है कि येदियुरप्पा ने उनसे वादा किया है ।
मुख्यमंत्री के लिए कैबिनेट विस्तार आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें पार्टी के पुराने नेताओं एवं फिर से जीतने वाले अयोग्य विधायकों को किये गये वादे के बीच संतुलन बना कर रखना होगा । पार्टी के पुराने नेता कैबिनेट के पहले विस्तार से में अनदेखी किये जाने से नाखुश हैं ।
उन्हें विभिन्न जातियों एवं क्षेत्रों को अपनी कैबिनेट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देना होगा और महत्वपूर्ण विभागों के आवंटन में भी संतुलन बनाना होगा । मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के बारे में पूछे गये सवाल के उत्तर में जरकिहोली ने कहा, ‘‘इसे होने दीजिए । अगर यह एक महीने तक देर होता है तो हमलोग इसके लिए तैयार हैं । आप (मीडिया) दुखी हो सकते हैं ।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा में शामिल होते समय उन्होंने न तो कोई शर्त रखी थी और न ही कोई समय सीमा दी थी ।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आग्रह करता हूं कि मीडिया गलत खबरें नही फैलाये।’’ जरकिहोली ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी उप मुख्यमंत्री पद के लिए दावा नहीं किया, यह सब मीडिया के दिमाग की उपज है । उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं कि मैने यह पद कभी नहीं मांगा। हम आलाकमान के निर्णय का पालन करने के लिए तैयार हैं और पूरा सहयोग देंगे। हम मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के अधीन आगे बढ़ेंगे ।’’ येदियुरप्पा सरकार में पहले से ही तीन उप मुख्यमंत्री हैं । येदियुरप्पा ने हाल ही में और उपमुख्यमंत्री बनाये जाने से इंकार किया है ।