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क्या हाथ का साथ छोड़ेंगे सचिन पायलट? 6 सालों में ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 23 बड़े नेताओं ने कांग्रेस को कहा अलविदा

By निखिल वर्मा | Updated: July 14, 2020 15:25 IST

कांग्रेस ने राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट को मंगलवार को उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पदों से हटा दिया।

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ठळक मुद्देपायलट खेमे में गए सरकार के दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह एवं रमेश मीणा को भी उनके पदों से तत्काल हटा दिया है। पिछले 6 सालों में केंद्र और कई राज्यों में सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस में बड़े नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. संभावना जताई जा रही है कि सचिन पायलट बीजेपी में जा सकते हैं या तीसरा मोर्चा बना सकते हैं

लोकसभा चुनाव 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिली ऐतिहासिक जीत का असर कांग्रेस पार्टी पर भी पड़ा है। कांग्रेस पार्टी के हाथ से सिर्फ सत्ता ही नहीं गई बल्कि विभिन्न राज्यों से उसके दिग्गज नेताओं ने हाथ का साथ छोड़ दिया। ताजा मामले में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का कांग्रेस से मोहभंग हो गया है। गहलोत सरकार को गिराने की साजिश का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया है। 

राजस्थान में उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं। संभावना है कि सचिन पायलट या तो बीजेपी में जा सकते हैं या अपने समर्थक विधायकों के साथ तीसरा मोर्चा बना सकते हैं। दौसा और अजमेर से सांसद रहे और वर्तमान में टोंक से विधायक सचिन पायलट यूपीए-2 में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।

इससे पहले मार्च महीने में मध्य प्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। चार बार सांसद रह चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया। अब वह बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं और जल्द ही मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्रियों की बात करें तो विजय बहुगुणा (उत्तराखंड) और गिरधर गमांग (ओडिशा) अब कांग्रेस के साथ नहीं हैं।

कई केंद्रीय मंत्रियों ने छोड़ा साथ

जीके वासन (तमिलनाडु), किशोर चंद्र देव (आंध्र प्रदेश), जयंती नटराजन (तमिलनाडु), एसएम कृष्णा (कर्नाटक), श्रीकांत जेना (ओडिशा) और शंकरसिंह वाघेला (गुजरात) पार्टी छोड़ चुके हैं। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हुए अलग

हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर, उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष बोचा सत्यनारायण, असम के भुवनेश्वर कलिता, उत्तराखंड से यशपाल आर्य और बिहार के अशोक चौधरी ने पार्टी छोड़ दी। रीता बहुगुणा जोशी वर्तमान में इलाहाबाद से बीजेपी सांसद हैं। वहीं बिहार के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी नीतीश सरकार में  मंत्री हैं।

पूर्वोत्तर में हेमंत विस्व शर्मा जैसे दिग्गज हुए अलग

पूर्वोत्तर में बीजेपी के रणनीतिकार माने जाने वाले हेमंत विस्व शर्मा ने मतभेदों के चलते पार्टी छोड़ दी थी। हेमंत बिस्व शर्मा असम सरकार में ताकतवर मंत्री हैं। उनके अलावा अरुणाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री पेमा खांडू, त्रिपुरा में सुदीप रॉय बर्मन और मणिपुर के वर्तमान मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह जैसे बड़े नेता अब कांग्रेस के साथ नहीं है।

इसके अलावा हरियाणा में चौधरी बिरेंद्र सिंह, तेलंगाना में डी श्रीनिवास, पश्चिम बंगाल में मानस भुइंया, गोवा में विश्वजीत राणे, महाराष्ट्र में नारायण राणे और गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावेलकर जैसे दिग्गज विभिन्न कारणों से कांग्रेस से अलग हो चुके हैं। वहीं आंध्र प्रदेश में कांग्रेस से पूरा नेतृत्व वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी या बीजेपी में चला गया है।

(नोट: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी और उत्तर प्रदेश के दिवंगत बेनी प्रसाद वर्मा ने भी कांग्रेस पार्टी को छोड़ दिया था. दोनों दिग्गज नेताओं को निधन इसी साल हुआ है )

टॅग्स :सचिन पायलटअशोक गहलोतराजस्थानज्योतिरादित्य सिंधियाभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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