चुनाव में दागियों पर रोक क्यों नहीं?

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: July 29, 2018 03:50 IST2018-07-29T03:50:37+5:302018-07-29T03:50:37+5:30

दागियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए उनके पर्चे रद्द करने का अधिकार देनेवाला कानून बनाने का चुनाव आयोग का आग्रह कई दशकों से चल रहा है।

Why not stop the Culprit in the election? | चुनाव में दागियों पर रोक क्यों नहीं?

चुनाव में दागियों पर रोक क्यों नहीं?

(शशिधर खान)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पद की शपथ लेने के समय से ही चुनाव सुधार के साथ इस पर लगातार जोर देते रहे कि एक साथ चुनाव कराया जाए।  उन्होंने पूरे चार साल तक एक साथ चुनाव कराने और चर्चा करवाने के लिए भरपूर जोर दिया, किसी पार्टी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।  प्रधानमंत्री ने इसके पीछे जनहित से जुड़े कई कारण गिनाए, जैसे बार-बार चुनाव होने से करदाताओं का पैसा बहुत खर्च होता है, बार-बार आचार संहिता लागू होने से सरकारी कामकाज बाधित होता है, सुरक्षा बलों और अन्य कर्मियों की चुनाव के दौरान ड्यूटी लगाने से भी अन्य कामकाज प्रभावित होते हैं।  

प्रधानमंत्री का कहना बिल्कुल सही है। किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।  उसके अलग-अलग कारण विधि आयोग से विमर्श के दौरान स्पष्ट हुए।  इससे काफी कुछ यह भी उजागर हुआ कि प्रधानमंत्री के बार-बार एक साथ चुनाव कराने के पीछे जो कारण उन्होंने जनता के सामने गिनाए, उसके अलावा ऐसे भी कुछ कारण हो सकते हैं, जो उन्होंने उजागर नहीं किए हैं।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव आयोग के बार-बार आग्रह के बावजूद इस सुझाव पर ध्यान नहीं दिया कि दागियों के पर्चे रद्द करने का अधिकार चुनाव आयोग को दिया जाए।  जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उसी समय से चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार से अपना यह आग्रह दुहराया है और सत्तारूढ़ समेत सभी पार्टियों से यह भी कहा है कि दागी उम्मीदवारों को टिकट ही न दें।  

दागियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए उनके पर्चे रद्द करने का अधिकार देनेवाला कानून बनाने का चुनाव आयोग का आग्रह कई दशकों से चल रहा है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दागियों को चुनाव लड़ने से रोकने वाला कानून बनाने के चुनाव आयोग के आग्रह को पूरी तरह अनसुना कर दिया।  चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में सफाई देनी पड़ी कि ऐसा अधिकार आयोग के पास नहीं है और दागियों के पर्चे रद्द करनेवाला कानून बनाने के आग्रह वाली फाइल सरकार के पास लंबित है।  

Web Title: Why not stop the Culprit in the election?

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