ममता बनर्जी की पार्टी से एक और विधायक ने दिया इस्तीफा, शुभेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी के बाद TMC को तीसरा झटका
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 18, 2020 12:49 PM2020-12-18T12:49:58+5:302020-12-18T13:25:39+5:30
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर डायमंड हार्बर में हमले को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट के बादअधिकारियों को दिल्ली आकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। डायमंड हार्बर तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का निर्वाचन क्षेत्र है।
कोलकाताः पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव होंगे। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शीलभद्र दत्ता ने अपना इस्तीफा भेज दिया है। पिछले 24 घंटे में तृणमूल कांग्रेस को यह तीसरा बड़ा झटका लगा है।
इससे पहले शुभेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी ने पार्टी से इस्तीफा दिया था। आपको बता दें शीलभद्र दत्ता 24 परगना के बैरकपुर से विधायक हैं। विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस में हलचल मच गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक और बड़ा झटका है।
विधायक पद छोड़ने के एक दिन बाद, गुरुवार को शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था। अधिकारी ने पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया था। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने फैसले से उन्हें अवगत कराया है।
West Bengal: TMC MLA Silbhadra Datta resigns from the party
— ANI (@ANI) December 18, 2020
दत्ता दो बार विधायक रह चुके हैं। दत्ता ने बताया कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को ईमेल कर अपना इस्तीफा भेज दिया है। दत्ता के इस्तीफे से ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं कि वह भी उन नेताओं की जमात में शामिल हो सकते हैं जो या तो भाजपा में शामिल हो चुके हैं या आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भगवा पार्टी में शामिल होने के इच्छुक हैं।
जितेंद्र तिवारी के टीएमसी से इस्तीफा देने के ठीक एक दिन बाद दत्ता का इस्तीफा आया है। गुरुवार को पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने भी बनर्जी की पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। दोनों टीएमसी नेताओं में से एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में हैं और अगले कुछ दिनों में इसके शामिल होने की संभावना है। अधिकारी को शनिवार को भाजपा में शामिल होने की उम्मीद है, जब केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह चुनावी राज्य का दौरा करेंगे।
West Bengal: Former TMC Asansol district Chief Jitendra Tiwari leaves for Kolkata from Asansol, along with 2 more rebel TMC leaders.
— ANI (@ANI) December 18, 2020
"When state govt thought my life was precious, it gave me security. Now govt feels my life has no worth, my security has been removed," he said. pic.twitter.com/ND8BJgaYqM
दत्ता ने कहा कि मुझे लगता है कि मौजूदा परिदृश्य में मैं पार्टी में फिट नहीं हो पा रहा था। लेकिन मैं विधायक पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। उन्होंने कहा, ‘‘विधायक पद से मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए? मैं लोगों के वोट की बदौलत जीता हूं। अगर मैं चला जाता (इस्तीफा दे देता) हूं तो वे कहां जाएंगे?’’
पिछले कुछ महीने से दत्ता चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और पार्टी के मामलों में उनके दखल को लेकर विरोध कर रहे थे। दत्ता एक समय मुकुल रॉय के करीबी रह चुके हैं। रॉय तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। दत्ता ने तृणमूल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ भी बयान दिया है।
Centre provides 'Z' category security to Suvendu Adhikari
— ANI Digital (@ani_digital) December 18, 2020
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तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने बृहस्पतिवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले उन्होंने राज्य सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अधिकारी के बाद पांडवेश्वर के विधायक और आसनसोल नगर निगम के प्रमुख जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी छोड़ दी। चर्चा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। पूर्व मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की घोषणा की है।
दो बार विधायक रहे और दो बार लोकसभा सदस्य रहे अधिकारी
दो बार विधायक रहे और दो बार लोकसभा सदस्य रहे अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने से पहले बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था जिससे उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं।
अधिकारी ने लिखा, ‘‘मैं तृणमूल कांग्रेस के सदस्य के रूप में और पार्टी तथा इससे संबंधित संगठनों के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।’’ पार्टी से अपना दो दशक पुराना संबंध खत्म करते हुए दिग्गज नेता ने अपने को दिए गए अवसरों के लिए बनर्जी का धन्यवाद व्यक्त किया और वह पार्टी सदस्य के रूप में गुजारे गए समय की कद्र करेंगे। अधिकारी ने पिछले महीने बनर्जी के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से तथा कई अन्य पदों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उन्होंने राजनीतिक स्थितियों को परखते हुए विधानसभा और तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने में विलंब किया।
सांसद सुनील मंडल सहित तृणमूल कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की
बुधवार रात उन्होंने आसानसोल नगर निकाय के प्रमुख जितेंद्र तिवारी और वरिष्ठ सांसद सुनील मंडल सहित तृणमूल कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की। पंदेवेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक तिवारी ने हाल में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ‘‘राजीतिक कारणों’’ से औद्योगिक शहर को केंद्रीय कोष से वंचित कर रही है। उन्होंने बृहस्पतिवार को आसनसोल नगर निगम प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। बैठक में मौजूद रहे तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीप्तांग्शु चौधरी ने भी दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
बनर्जी ने कहा कि जो लोग पार्टी की विचारधारा का पालन नहीं करते और जो टिकट मिलने को लेकर चिंतित हैं, केवल वही पार्टी छोड़ रहे हैं। वहीं, भाजपा ने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस के पतन की शुरुआत है। अधिकारी के फैसले की प्रशंसा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल रॉय ने कहा कि यह सत्तारूढ़ पार्टी के पतन का आरंभ है और ‘‘हम खुली बांहों से उनका (अधिकारी) स्वागत करेंगे।’’
अधिकारी का पूरा परिवार राजनीति में है। उनके पिता सिसिर अधिकारी और भाई दिब्येंदु अधिकारी लोकसभा के सदस्य हैं। उनके एक और भाई विधायक हैं तथा स्थानीय नगर निकाय का जिम्मा उनके पास है। उनके परिवार का राज्य की 40-45 विधानसभा सीटों पर अच्छा-खासा प्रभाव है।