पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावः 2021 चुनाव की तैयारियां शुरू, सोशल मीडिया के सहारे तृणमूल कांग्रेस-भाजपा, दोनों दल तैयार
By भाषा | Published: June 17, 2020 08:36 PM2020-06-17T20:36:25+5:302020-06-17T20:36:25+5:30
2021 में पश्चिम बंगाल में विधानसभ चुनाव है। यहां पर कुल 294 सीटें हैं। मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस, भाजपा में है। लोकसभा चुनाव 2019 में bjp ने tmc को झटका दिया था।
कोलकाताःपश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय शेष रह जाने को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने राजनीतिक मुकाबले के लिए तैयारियां शुरू कर दी है।
दोनों दल लॉकडाउन के बीच वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यमों से लोगों से संपर्क साधने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण सामाजिक दूरी और लोगों के बीच आपस में कम से कम संपर्क रखना आवश्यक हो गया है, ऐसे में पश्चिम बंगाल में पार्टियां चुनाव प्रचार करने और लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। कोविड-19 , प्रवासी श्रमिकों के संकट और चक्रवात ‘अम्फान’ से निपटने को लेकर भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं।
दोनों दलों ने विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर मुहिम चलाने और इन मुद्दों पर एक-दूसरे को घेरने की तैयारी कर ली है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने के वास्ते अपने पदाधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बैठक की। प्रदेश भाजपा नौ जून को अपनी रणनीति तैयार करेगी और इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह वर्चुअल रैली आरंभ करेंगे।
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार के कुशासन को उजागर करने और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कार्य योजना तैयार करना आवश्यक है। घोष ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘हम बता सकते हैं कि अमित शाह जी 2021 विधानसभा चुनाव के लिए वर्चुअल मुहिम शुरु करेंगे। कोविड-19 के कारण रैलियां या जनसभा आयोजित करना संभव नहीं है, इसलिए हम लोगों से संपर्क साधने और तृणमूल कांग्रेस के कुशासन को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया मुहिमों का सहारा ले रहे हैं।
कोविड-19 और चक्रवात अम्फान आगामी वर्ष में होने वाले चुनाव में मुख्य चुनावी मुद्दा होंगे
कोविड-19 और चक्रवात अम्फान आगामी वर्ष में होने वाले चुनाव में मुख्य चुनावी मुद्दा होंगे।’’ भगवा दल ने ममता बनर्जी के नौ साल के शासन के खिलाफ ‘‘नौ बिंदुओं वाला आरोप पत्र’’ पिछले सप्ताह जारी किया था। उसने हाल में सोशल मीडिया पर ‘‘और नहीं ममता’’ मुहिम शुरू की। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी 1,000 से अधिक वर्चुअल रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है। तृणमूल ने भी पिछले सप्ताह एक व्यापक मुहिम शुरू की और पार्टी के जन प्रतिनिधि अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल बैठकें कर रहे हैं।
राज्य के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल नेता फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘‘ममता दी ने हमें बिना कोई देर किए 2021 विधानसभा चुनाव की तैयारी करने को कहा है। हमें राज्य सरकार की उपलब्धियां और अनियोजित लॉकडाउन के अलावा कोरोना वायरस एवं प्रवासी कर्मियों के संकट से निपटने में केंद्र सरकार की असफलताएं उजागर करने को कहा गया है।’’
तृणमूल के सूत्रों के अनुसार बनर्जी ने जिला स्तर के नेताओं को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए घर-घर जाकर मुहिम आरंभ करने को कहा है। हालांकि, विपक्षी दलों, माकपा और कांग्रेस ने मौजूदा संकटों के बीच चुनाव प्रचार मुहिम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए दोनों दलों की निंदा की है। माकपा के एक नेता ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि दोनों दल ‘‘इस समय में भी राजनीतिक मुहिमों की बात कर रहे हैं, जब हजारों असहाय लोग राहत का अब भी इंतजार कर रहे हैं’’।