पश्चिम बंगाल 2021 विधानसभा चुनावः भाजपा को झटका, विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य TMC में शामिल, कहा-वापसी को लेकर खुश हूं
By भाषा | Published: August 28, 2020 09:23 PM2020-08-28T21:23:23+5:302020-08-28T21:23:23+5:30
वर्ष 2016 में भट्टाचार्य विष्णुपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे और उसी साल जुलाई में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने विधानसभा सीट से इस्तीफा नहीं दिया था।
कोलकाता/बांकुड़ाः पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई को उस समय झटका लगा, जब 2019 लोकसभा चुनाव के बाद भगवा दल में शामिल हुए वरिष्ठ नेता एवं विधायक तुषार कांति भट्टाचार्य शुक्रवार को दोबारा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
वर्ष 2016 में भट्टाचार्य विष्णुपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते थे और उसी साल जुलाई में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्होंने विधानसभा सीट से इस्तीफा नहीं दिया था। वर्ष 2019 में भाजपा के बेहतर प्रदर्शन के बाद भट्टाचार्य भाजपा के राष्ट्रीय सचिव कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में पार्टी के मुख्यालय में भाजपा में शामिल हो गए थे।
हालांकि, एक साल के भीतर ही वह दोबारा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बांकुड़ा जिले के विष्णुपुर में आयोजित कार्यक्रम में भट्टाचार्य ने कहा, ‘’ मैं कुछ मुद्दों पर पार्टी से नाराज था, जिन्हें अब सुलझा लिया गया है। मैं तृणमूल कांग्रेस में वापसी को लेकर खुश हूं।’’
पूर्व भाजपा नेता कृषाणु मित्रा तृणमूल कांग्रेस में शामिल
केंद्र की भाजपा सरकार पर अपने वादों को पूरा नहीं करने और पश्चिम बंगाल के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए पूर्व पार्टी नेता कृषाणु मित्रा सोमवार को यहां तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये। कभी भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता रहे मित्रा को एक कार्यक्रम में राज्य के शिक्षा मंत्री और तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने पार्टी का झंडा प्रदान किया। इस मौके पर तृणमूल के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी मौजूद थे। चटर्जी ने कहा, ‘‘ आज कृषाणु मित्रा हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। हम तृणमूल कांग्रेस परिवार में उनका स्वागत करते हैं।’’
भाजपा के कुछ नेताओं से मतभेद होने के चलते 2017 में पार्टी छोड़ने वाले मित्रा ने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में एकमात्र ऐसी पार्टी है जो लड़ सकती है और बंगालियों के हितों की रक्षा कर सकती है। हमने पिछले छह सालों में देखा कि कैसे केंद्र ने अपने एक भी चुनावी वादे को पूरा नहीं किया और कैसे बंगाल को वंचित रखने का प्रयास किया गया।’’ करीब ढाई दशक तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहने के बाद मित्रा 2010 में भाजपा की प्रदेश इकाई में शामिल हो गये थे और उन्हें 2014 में मीडिया प्रभारी एवं प्रवक्ता बनाया गया था। उन्होंने 2016 में भाजपा के टिकट पर कमारहटी से विधानसभा चुनाव लड़ा था।