पीएम मोदी को 21वीं सदी का आंबेडकर कहे जाने पर बवाल, विपक्षी दलों ने किया विरोध

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 9, 2019 05:13 AM2019-01-09T05:13:32+5:302019-01-09T05:13:32+5:30

लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़े फैसले में, केन्द्रीय कैबिनेट ने ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ वर्गों के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी थी।

Uttarakhand Chief Minister says PM Modi "Is Ambedkar Of 21st Century" | पीएम मोदी को 21वीं सदी का आंबेडकर कहे जाने पर बवाल, विपक्षी दलों ने किया विरोध

पीएम मोदी को 21वीं सदी का आंबेडकर कहे जाने पर बवाल, विपक्षी दलों ने किया विरोध

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से की। रावत ने कहा कि केन्द्र के दस प्रतिशत आरक्षण के फैसले से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत लाभ मिलेगा।

‘‘ऐतिहासिक’’ कदम के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए रावत ने कहा कि यह ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है।

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के आंबेडकर हैं। वह खुद गरीब माता पिता के बेटे हैं और उन्होंने समाज के सभी वर्गों के गरीबों के बारे में सोचा।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘देशभर में लंबे वक्त से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की जा रही थी। उन्हें इस फैसले से बहुत लाभ होने जा रहा है।’’ 

गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों से पहले एक बड़े फैसले में, केन्द्रीय कैबिनेट ने ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ वर्गों के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी थी।

विपक्षी दलों का विरोध 

- पीएम नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के आंबेडकर कहने पर  यूकेडी यानी (उत्तराखंड क्रांति दल) ने इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। हालांकि उन्होंने 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के फैसले का स्वागत किया है । 

- बसपा ने प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य योगेश कुमार के मुताबिक, ई भी व्यक्ति डॉ भीमराव आंबेडकर के बराबर नहीं हो सकता। 

-एआईएमआईएम ने प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह कदम संविधान के साथ धोखा है और डॉ भीम राव आंबेडकर का अपमान है।

लोकसभा में  10% आर्थिक आधार पर सवर्णों के आरक्षण का बिल पारित

लोकसभा में  10% आर्थिक आधार पर सवर्णों के आरक्षण का बिल पारित हो गया है। आरक्षण के लिए लाए गए 124वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने बहुमत के साथ पारित किया। बिल में सभी संशोधनों को बहुमत से मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक के समर्थन में 323 वोट पड़े, जबकि महज 3 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। कुल 326 सांसदों ने मतदान किया था। 
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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