लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंगलवार रात दिये गए राष्ट्र के नाम संबोधन में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर तंज कसते हुए बुधवार को कहा कि देश के मज़दूर-ग़रीब अपनी ‘‘विपदाओं के लिए प्रबंध की उम्मीद कर रहे थे लेकिन उन्हें निरर्थक निबंध सुनने को मिला’’।
अखिलेश ने ट्वीट किया, ''देश के मज़दूर-ग़रीब अपनी विपदाओं के लिए प्रबंध की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें सुनने को मिला केवल निरर्थक निबंध। क्या आधे घंटे से भी ज़्यादा समय में सड़कों पर भटकते मज़दूरों के लिए एक-आध शब्द की संवेदना की भी गुंजाइश नहीं थी। हर कोई सोचे। असंवेदनशील-दुर्भाग्यपूर्ण।''
उन्होंने कहा, ''अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ रुपये में कितने ज़ीरो होते हैं बल्कि ये पूछ रहे हैं उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं।'' अखिलेश ने कहा कि ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं पर ऐसा भी नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन ग़रीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊँचाइयों पर पहुँचने के बाद, संकट के समय में भी उन ग़रीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। यह “सबका विश्वास” के नारे के साथ विश्वासघात है।’’ सपा अध्यक्ष ने कहा, ''पहले 15 लाख रुपये का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा.......अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार..ऐ बाबू कोई भला कैसे करे एतबार...।''
भूखे प्यासों को एक वक्त की रोटी तक नहीं दे पा रही है भाजपा सरकार : अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि 2022 तक सबको घर देने का वादा करने वाली सरकार भूखे प्यासों को एक वक्त की रोटी तक नहीं दे पा रही है। अखिलेश ने ट्वीट किया, ''2022 तक सबको घर देने का वादा करनेवाले सत्ताधारी आज बेघर भटकते भूखे-प्यासे लोगों को एक वक़्त की रोटी तक नहीं दे पा रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह रहा है, सड़कों पर उतरी जनता ने सर्वशक्तिमान होने का दंभ-भ्रम रखनेवाले एक-से-एक बड़ों को पैदल कर दिया है। अखिलेश ने एक अन्य टवीट में कहा, ''कितना मुश्किल होगा उसके आगे का सफ़र... जो मजबूर है सड़कों पर पैदा होने के लिए ... कोई है जो सुन रहा है?''
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आत्म-प्रशंसा में मदमस्त सरकार अपने अति केंद्रित ढुलमुल फ़ैसलों की वजह से व्यवस्था करने में असफल रही है, उसका ख़ामियाज़ा जनता भुगत रही है । यदि सरकार रोज़गार और खाने का ही प्रबंध कर दे तो कोरोना वायरस को सरकार नहीं, जनता हरा दे । सपा अध्यक्ष ने कहा, ''सरकार एकाधिकारी न बने, देश में लोकतंत्र है।''