नई दिल्लीः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में अवैध हथियार रखने और साइबर अपराध के मामले बहुत बढ़ गए हैं, लेकिन राज्य की भाजपा सरकार कार्रवाई करने के बजाय आंकड़ों की बाजीगरी में लगी हुई है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पूरे देश के कुल अवैध हथियारों के मामले में 56 प्रतिशत मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हैं। 2016-2018 के मध्य राज्य में साइबर अपराधों के मामले में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’’ कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने आरोप लगाया, ‘‘ उत्तर प्रदेश सरकार इन आंकड़ों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने के बजाय इनकी बाजीगरी करने का काम कर रही है। (फिर) अपराध कम कैसे होगा ? ’’
प्रदेश के बलिया जिले में एक महिला अधिकारी की कथित खुदकुशी की घटना पर प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘बलिया में तैनात गाजीपुर निवासी युवा अधिकारी मणिमंजरी के बारे में दुखद समाचार मिला। खबरों के अनुसार उन्होंने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मणिमंजरी के परिवार को न्याय मिले, इसके लिए सभी तथ्यों का सामने आना और निष्पक्ष जांच बहुत जरूरी है।’’
उप्र भवन के निकट युवा कांग्रेस का प्रदर्शन, अध्यक्ष एवं कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए
कांग्रेस की युवा इकाई ने कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना के विरोध में बुधवार को यहां उत्तर प्रदेश भवन के निकट प्रदर्शन किया, हालांकि कुछ देर बाद ही पुलिस ने संगठन के अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी. और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ता सरदार पटेल मार्ग स्थित उप्र भवन के निकट पहुंचे और नारेबाजी की।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमरीश रंजन पांडे के मुताबिक, पुलिस ने श्रीनिवास और उनके साथियों को उप्र भवन से थोड़ी दूरी पर रोक दिया और श्रीनिवास समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। बाद में इन लोगों को रिहा कर दिया गया। श्रीनिवास बी. वी. ने कहा, ‘‘योगी जी ने हर समय यह दावा किया है कि उनकी सरकार में अपराध के प्रति शून्य सहिष्णुता है, जबकि विकास दुबे की घटना और उसके लिए राजनीतिक समर्थन स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि सरकार हत्यारों और अपराधियों को शरण देने के लिए दृढ़ है।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ उत्तर प्रदेश जंगलराज बन गया है, जहां हर रोज व्यापक लोगों की दिनदहाड़े हत्या हो रही है। 8 पुलिस अधिकारी मारे जाते हैं, लेकिन लगभग एक हफ्ते के बाद भी सरकार के पास अपराधी के ठिकाने के बारे में कोई सुराग नहीं है।’’ श्रीनिवास ने कहा, ‘‘जितनी पुलिस फोर्स उप्र भवन के बाहर मेरी और यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी में लगायी। काश! सरकार ने कानपुर में विकास दुबे को पकड़ने में लगायी होती तो आज 8 पुलिसकर्मी जिंदा होते।’’