पार्टी के मुखपत्र ने तृणमूल कांग्रेस को बताया 'असली' कांग्रेस, क्या विपक्ष के एकजुट होने की कोशिशों को लगेगा झटका

By विशाल कुमार | Published: September 26, 2021 04:34 PM2021-09-26T16:34:04+5:302021-09-26T16:53:56+5:30

तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' की संपादकीय में लिखा गया कि कांग्रेस की विरासत का झंडा आज तृणमूल के हाथ में है. आज की कांग्रेस असफल, भटकी हुई है. इतिहास के गौरव पर विश्राम करने के दिन समाप्त हो गए हैं. जो अभी भी कांग्रेस में है, उसका तृणमूल में स्वागत है. दिल्ली के मामले में भी यही रवैया है.

trinamul-congress-real-congress-says-party mouthpiece | पार्टी के मुखपत्र ने तृणमूल कांग्रेस को बताया 'असली' कांग्रेस, क्या विपक्ष के एकजुट होने की कोशिशों को लगेगा झटका

फाइल फोटो.

Highlightsममता बनर्जी के राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद टीएमसी के मुखपत्र की संपादकीय की हेडलाइन सातवां ऐसा मौका है जब टीएमसी ने कांग्रेस पर हमला बोला है.पिछले सप्ताह राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा गया था कि वह भाजपा का मुकाबला करने में विफल रहे हैं और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब विपक्ष का चेहरा होना चाहिए.भवानीपुर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान ममता ने कांग्रेस पर दो और बार जोरदार हमले किए थे.

कोलकाता: 2024 के आम चुनावों से पहले विपक्षी एकता मजबूत करने के प्रयासों के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपने मुखपत्र में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए खुद को 'असली' कांग्रेस करार दिया.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, टीएमसी के मुखपत्र 'जागो बांग्ला' की संपादकीय में लिखा गया कि कांग्रेस की विरासत का झंडा आज तृणमूल के हाथ में है. यह शोमुद्रो (समुद्र) है. पावचाडोबा (गड्ढा छोटा तालाब) आज अप्रासंगिक है.

अधिकांश कांग्रेस समर्थकों ने महसूस किया है कि बंगाल में तृणमूल असली कांग्रेस है. राजीव गांधी को इसी ममता बनर्जी से लगाव था. आज की कांग्रेस असफल, भटकी हुई है. इतिहास के गौरव पर विश्राम करने के दिन समाप्त हो गए हैं. पवित्र युद्ध अब जमीन पर प्रदर्शन के आधार पर है. जो अभी भी कांग्रेस में है, उसका तृणमूल में स्वागत है. दिल्ली के मामले में भी यही रवैया है.

21 जुलाई को दैनिक के रूप में दोबारा लॉन्च किए जाने के बाद से जागो बांग्ला को मुख्य रूप से तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के कार्यालय द्वारा संभाला जाता है जिसमें ममता बनर्जी अपना इनपुट देती रहती हैं.

इस तरह के लगातार और बिना उकसावे के हमलों ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता के प्रति तृणमूल के इरादों पर सवाल खड़े कर दिए हैं जबकि ममता देशभर में गैर-भाजपाई ताकतों से आग्रह कर रही हैं कि वे 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से बहुत पहले भाजपा के खिलाफ साथ आएं.

वहीं, बीते 28 जुलाई को ममता बनर्जी के राहुल गांधी की मौजूदगी में सोनिया गांधी से मुलाकात करने के टीएमसी के मुखपत्र जागो बांग्ला की संपादकीय की हेडलाइन सातवां ऐसा मौका है जब टीएमसी ने कांग्रेस पर हमला बोला है.

यही नहीं इसके कुछ घंटों बाद ही भवानीपुर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान ममता ने कांग्रेस पर दो और बार जोरदार हमले किए थे.

कोलिन स्ट्रीट और शेक्सपियर सरानी में अपने भाषणों में, ममता ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह भाजपा के डर के आगे झुक गई है और समय-समय पर गुप्त सौदे करती है.

पिछले सप्ताह भी तृणमूल कांग्रेस के बांग्ला मुखपत्र 'जागो बांग्ला' में प्रकाशित एक आवरण कथा में राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा गया था कि वह भाजपा का मुकाबला करने में विफल रहे हैं और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब विपक्ष का चेहरा होना चाहिए.

तब कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र में जो छपा है, वो ठीक नहीं है क्योंकि राहुल गांधी लोकतंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। राहुल गांधी पर हमला अवांछित है.

सुरजेवाला ने जोर देकर कहा था कि कांग्रेस सभी विपक्षी दलों और उनके नेतृत्व का सम्मान करती है तथा भाजपा के खिलाफ खिलाफ लड़ाई में उनके योगदान को स्वीकारती है. उन्होंने कहा था कि नेताओं को कमतर बताकर विपक्षी एकता नहीं हो सकती.

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