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‘राष्ट्रीय दल’ पर खतराः TMC, NCP और भाकपा ने किया बचाव, चुनाव आयोग ने कहा था- क्यों न दर्जा खत्म कर दिया जाए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 10, 2019 13:32 IST

आयोग ने गत लोकसभा चुनाव में इन दलों का प्रदर्शन राष्ट्रीय दल की मान्यता के अनुरूप नहीं रहने का हवाला देते हुए इन्हें नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न इनका राष्ट्रीय दल का दर्जा खत्म कर दिया जाये। तीनों दलों ने आयोग के समक्ष पेश अपने जवाब में दलील दी है कि पुराने राजनीतिक दल होने के साथ-साथ, राष्ट्रीय राजनीति में उनका प्रमुख योगदान रहा है।

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ठळक मुद्देराष्ट्रीय दल के रूप में उनकी मान्यता का आकलन पिछले चुनावी प्रदर्शन के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा, ‘‘हमने अपने जवाब में आयोग से कहा है हमारी पार्टी कांग्रेस के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी है।

भाकपा, तृणमूल कांग्रेस और राकंपा ने सोमवार को चुनाव आयोग से ‘राष्ट्रीय दल’ का उनका दर्जा बरकरार रखने का अनुरोध करते हुए कहा है कि उन्हें आगामी चुनावों में प्रदर्शन बेहतर करने का एक मौका दिया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि आयोग ने गत लोकसभा चुनाव में इन दलों का प्रदर्शन राष्ट्रीय दल की मान्यता के अनुरूप नहीं रहने का हवाला देते हुए इन्हें नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न इनका राष्ट्रीय दल का दर्जा खत्म कर दिया जाये। तीनों दलों ने आयोग के समक्ष पेश अपने जवाब में दलील दी है कि पुराने राजनीतिक दल होने के साथ-साथ, राष्ट्रीय राजनीति में उनका प्रमुख योगदान रहा है।

इसलिए राष्ट्रीय दल के रूप में उनकी मान्यता का आकलन पिछले चुनावी प्रदर्शन के आधार पर नहीं किया जाना चाहिए। भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा, ‘‘हमने अपने जवाब में आयोग से कहा है हमारी पार्टी कांग्रेस के बाद देश की सबसे पुरानी पार्टी है और स्वतंत्रता आंदोलन में भी उसकी अग्रणी भूमिका रही।

हमने लोकसभा में भाकपा के मुख्य विपक्षी दल (पूर्व में)होने का भी हवाला देते हुए पार्टी का राष्ट्रीय दल का दर्जा बहाल रखने का आयोग से अनुरोध किया है।’’ पार्टी ने अपने जवाब में कहा कि हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाकपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन विभिन्न राज्यों में वामदल की सरकार रहने और संविधान को मजबूत बनाने में पार्टी की अहम भूमिका को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस ने दलील दी है कि उसे 2014 में राष्ट्रीय दल का दर्जा दिया गया था और इसे कम से कम 2024 तक जारी रखा जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और राकांपा के अलावा बसपा के ऊपर भी राष्ट्रीय दल का दर्जा समाप्त होने की तलवार लटक रही थी, लेकिन लोकसभा की दस और कुछ विधानसभा सीटें जीतने के कारण वह इस संकट से फिलहाल बच गयी है।

चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 के तहत किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल का दर्जा तब मिलता है जब उसके उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में कम से कम छह प्रतिशत मत प्राप्त करें या उसके चार सदस्य चुने जायें या विधानसभा चुनावों में कम से कम चार या इससे अधिक राज्यों में छह प्रतिशत मत प्राप्त हों।

राकांपा के वरिष्ठ नेता माजिद मेमन ने कहा कि उनकी पार्टी 15 साल तक महाराष्ट्र में सत्ता में थी। साथ ही अपवादस्वरूप राकंपा एकमात्र दल है जिसे उसकी स्थापना के समय से ही राष्ट्रीय दल का दर्जा मिला हुआ है क्योंकि पार्टी बनने के तुरंत बाद हुए चुनाव में उसका प्रदर्शन राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने के मानकों के अनुरूप रहा।

उल्लेखनीय है कि इन मानकों के तहत कांग्रेस, भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, तृणमूल कांग्रेस, राकंपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी ऑफ मेघालय को राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त है। 

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