जो विधायक ‘वेल’ में आते हैं, उन्हें निष्कासित किया जाए, जानिए और क्या कहा राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष जोशी ने
By भाषा | Published: February 10, 2020 05:20 PM2020-02-10T17:20:53+5:302020-02-10T17:20:53+5:30
विधानसभा अध्यक्ष ने यह टिप्पणी तब की जब शून्यकाल के दौरान सिरोही से विधायक संयंम लोढ़ा ने पिंडवाड़ा के एक युवक पंकज सुथार की कथित हत्या का मामला उठाया। उन्होंने सदन में मौजूदा मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से कार्रवाई का आश्वासन मांगा और अध्यक्ष से कहा, ‘‘सरकार से भरोसा दिलाइए कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।’’
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सी पी जोशी ने विधायकों के अपनी बात मनवाने के लिए आसन के सामने ‘वेल’ में आने पर नाराजगी जताई और इसे गलत परंपरा बताया।
जोशी ने कहा, ‘‘ लोकतंत्र में अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन (विधायकों का) वेल में आना गलत परंपरा है। पूरे देश में चर्चा है कि जो सदस्य वेल में आते हैं उन्हें निष्कासित किया जाए।’’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में यह नियम है कि जो सदस्य वेल में आता है उसे उस दिन के लिए सदन से बाहर कर दिया जाता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने यह टिप्पणी तब की जब शून्यकाल के दौरान सिरोही से विधायक संयंम लोढ़ा ने पिंडवाड़ा के एक युवक पंकज सुथार की कथित हत्या का मामला उठाया। उन्होंने सदन में मौजूदा मुख्यमंत्री और गृह मंत्री से कार्रवाई का आश्वासन मांगा और अध्यक्ष से कहा, ‘‘सरकार से भरोसा दिलाइए कि दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।’’
अध्यक्ष ने सदस्य को बैठने को कहा और अगले वक्ता से बोलने को कहा। इस पर संयंम लोढ़ा आसन के सामने आकर बैठ गए। बाद में, पिंडवाड़ा से भाजपा विधायक समाराम भी उनके साथ आकर बैठ गए। अध्यक्ष जोशी ने संसदीय परंपराओं का हवाला देते हुए दोनों को सीट पर लौटने को कहा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हस्तक्षेप किए जाने पर लोढ़ा अपनी जगह पर लौटे और दूसरे विधायक भी सीट पर चले गए।