नई दिल्ली, 16 मार्च; आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन तोड़ने का फैसला कर लिया है। इतना ही नहीं चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आ रही है। इसके पहले टीडीपी ने वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन का ऐलान किया था। टीडीपी के इस प्रस्ताव को कांग्रेस, एआईएडीएमके और सीपीआईएम ने भी समर्थन की घोषणा कर दी है। वहीं, ममता बनर्जी ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
कांग्रेस और टीडीपी दोनों ही दल राज्य में केंद्र से विशेष दर्जे की मांग को उठाना चाहते हैं। कांग्रेस जो इस समय लोकसभा चुनाव की पूरी तैयारियों में जुटा है। इसी को ध्यान में रखते हुए टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का ऐलान किया है। आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एन रघुवीरा रेड्डी ने कहा कि पार्टी केंद्र के खिलाफ टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की ओर से लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी। सारे हलातो को देखें तो जो माहौल बन रहा है, उससे साफ है कि इस बार बीजेपी के लिए लोकसभा का चुनाव की राह आसान नहीं होने वाली है। तो इन पांच अहम मु्द्दों से समझते हैं कि आखिर क्यों बीजेपी के लिए 2019 का लोकसभा चुनाव मुश्किलों से भरा होगा।
1- शिवसेना एनडीए का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है। लेकिन काफी दिनों से दोनों के बीजेपी और शिवसेना की तकरार चर्चा में हैं। यूपी में लोकसभा की दो सीटों गोरखपुर और फूलपुर में उपचुनाव हारे जाने के बाद शिवसेना ने निशाना साधते हुए कहा था कि यह मोदी लहर का खात्मा है। वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना का अबतक चुप रहना कोई और ही संकेत दे रहा है। लेकिन उसके नेता संजय राउत का बयान बीजेपी के लिए चिंता का विषय है। संजय राउत ने कहा कि मोदी सरकार से हमारा भी मन टूट चुका है।
2- बिहार में नीतीश कुमार मुस्लिमों के बीच काफी फीके पड़ रहे हैं। बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं कुछ बीजेपी नेताओं के बयानों से भी नीतीश की छवि पर धक्का पहुंच रहा है। इधर लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के बयान भी बीजेपी के लिए चिंताजनक है। चिराग ने कहा कि गोरखपुर में बीजेपी की हार एक चिंता का विषय है, क्योंकि वह सीएम योगी का क्षेत्र था। इसके साथ ही यूपी और केंद्र में बीजेपी बहुमत से है। चिराग ने कहा कि बीजेपी को एनडीए की रणनीति को लेकर दोबारा विचार करना पड़ेगा। हमें इस बात पर विचार करना होगा कि हम क्यों एक के बाद एक उपचुनाव हार रहे हैं। चिराग ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि भाजपा को अपने सहयोगियों के साथ बैठकर बात करनी होगी।
3-चंद्रबाबू नायडू ने यह साफ कर दिया है कि जो भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा हम उसका समर्थन करेंगे। हम अविश्वास प्रस्ताव के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। हमारे 16 से 17 सांसद इसका समर्थन कर रहे हैं। इस फैसले के बाद TDP के साथ कांग्रेस, एआईएडीएमके और सीपीआईएम ने भी समर्थन की घोषणा कर दी है। वहीं, ममता बनर्जी ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
4- 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पहले से ही टीडीपी और वाइएसआर कांग्रेस पर दबाव बना रही है। कांग्रेस यह पूरी कोशिश कर रही है कि दोनों दलों को इस शर्त पर अपने पाले में ले आए कि वह सरकार बनने पर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देगी।
5- भले ही बीजेपी के लिए ये छोटे-छोटे राजनीतिक फैसले हो लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो ये बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल बनते जा रहे हैं। यूपी में सपा-बीएसपी के तालमेल ने गोरखपुर जैसी सीट पर बीजेपी हार गई। जिसके बाद से इस बात की संभावना बढ़ गई है कि दोनों ही पार्टियां फिर से हाथ मिला सकती हैं। दूसरी ओर बुधवार को राहुल गांधी ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात की है। जिसके बाद यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुत जल्द ही वह ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे।