स्पेशल रिपोर्ट: 9 दिसंबर को लोकसभा में मोदी सरकार पेश करेगी नागरिकता संशोधन विधेयक
By हरीश गुप्ता | Published: December 5, 2019 08:16 AM2019-12-05T08:16:51+5:302019-12-05T14:27:40+5:30
संसद का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा और मोदी सरकार के लिए यह विधेयक सबसे चुनौतीपूर्ण एजेंडा है.
नरेंद्र मोदी सरकार 9 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) लोकसभा में पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (4 दिसंबर) को इस नए विधेयक को हरी झंडी दिखाई जिसमें असम के लोगों की संस्कृति और विरासत की रक्षा के उपाय हैं. साथ ही इसमें पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ जातीय समूहों की भावना का भी ख्याल रखा गया है.
इस विधेयक को सबसे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2016 में लोकसभा में पेश कर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया था. जेपीसी को पूरे तीन साल लगे और उसने इस साल जनवरी में इस पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. यह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन प्रस्तावित कानून पर राज्यसभा की मंजूरी के बिना संसद फरवरी में समाप्त हो गई. इससे यह विधेयक मूर्त रूप नहीं ले सका.
अब सरकार इस संशोधन विधेयक को सोमवार को लोकसभा में जबकि उसके अगले दिन इसे राज्यसभा में पेश करना चाहती है. संसद का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा और सरकार के लिए यह विधेयक सबसे चुनौतीपूर्ण एजेंडा है. सरकार को स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण राज्यसभा में यह विधेयक पास कराने में काफी कठिनाई होगी.
इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारतीय नागरिक बनना आसान बनाया गया है. इस साल जनवरी में लोकसभा में पारित यह विधेयक राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका था.