कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले 10 दिनों से लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया है कि ऐसे समय में जब आम लोगों की हालत खराब है, सरकार मुनाफाखोरी कम करने के लिए कोई कोशिश नहीं कर रही है। सोनिया ने लिखा है कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के दुख कम करने की कोशिश करे न कि उसकी कठिनाई और बढ़ाए।
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना महामारी के समय लोगों की परेशानी को बढ़ाने वाली इस वृद्धि को वापस लिया जाए। सोनिया ने लिखा, 'मुझे ये बात समझ नहीं आ रही है कि आखिर क्यों सरकार ऐसे दामों को बढ़ाए जाने पर विचार भी कर रही है जबकि कोविड-19 के प्रभाव ने लाखों लोगों के जीवन, नौकरी, छोटे-बड़े व्यापार और मध्य वर्ग पर इतना असर डाला है। यहां तक कि किसान भी इन परेशानियों से जूझ रहे हैं।'
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सोनिया ने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर 2,60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही है, लेकिन जब प्रधानमंत्री देश के लोगों के आत्मनिर्भर होने की उम्मीद करते हैं तो ऐसे संकट के समय लोगों पर वित्तीय बोझ डालना उचित नहीं है।
सोनिया गांधी ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में करीब नौ फीसदी की कमी आई, लेकिन सरकार मुश्किल के समय लोगों को इसका लाभ देने के लिए कुछ नहीं कर रही है।
बता दें कि पिछले दस दिन से तेल कंपनियां लगातार पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ा रही हैं। मंगलवार को पेट्रोल का दाम 47 पैसे और डीजल का दाम 93 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया।
(भाषा इनपुट)