लद्दाख में भारतीय जवानों के शहीद होने पर सोनिया गांधी ने कहा- देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए हम सब साथ खड़े हैं
By अनुराग आनंद | Published: June 17, 2020 05:23 AM2020-06-17T05:23:29+5:302020-06-17T05:23:29+5:30
कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया गांधी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में शहीद होने वाले सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन है।
नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत पर दुख जताते हुए मंगलवार को कहा कि देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हम सब साथ खड़े हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘लद्दाख की गलवान घाटी में हमारी सेना के अधिकारी और जवानों की शहादत पर बहुत दुख और गहरी पीड़ा हुई है।
कांग्रेस के ट्वीटर अकाउंट पर सोनिया गांधी के बयान को साझा किया गया है। अपने बयान में सोनिया ने कहा है कि शहीद होने वाले जवानों के अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान को नमन है। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।’’ सोनिया ने कहा, ‘‘देश की सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में हम सब साथ खड़े हैं। गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक झड़प'' में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। सेना ने यह जानकारी दी।
Congress President Smt. Sonia Gandhi offers her condolences to the families of the martyred soldiers in Ladakh. pic.twitter.com/iZL5jNMPSX
— Congress (@INCIndia) June 16, 2020
भारत ने कहा कि हमारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई है-
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के इस धुर्तता भरे करतूत पर कहा, ‘‘इसके बाद उच्च स्तर पर बनी सहमति के आधार पर फैसले को लागू करने के लिए समूह कमांडरों ने सिलसिलेवार बैठकें की। हमें आशा थी कि यह सुगम तरीके से होगा लेकिन चीनी पक्ष गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के संबंध में बनी सहमति से अलग चले गए।’’
मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘सीमा प्रबंधन पर जिम्मेदाराना दृष्टिकोण जाहिर करते हुए भारत का स्पष्ट तौर पर मानना है कि हमारी सारी गतिविधियां हमेशा एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के भारतीय हिस्से की तरफ हुई हैं।
हम चीन से भी ऐसी ही उम्मीद करते हैं । ’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमारा अटूट विश्वास है कि सीमाई इलाके में शांति बनाए रखने की जरूरत है और वार्ता के जरिए मतभेद दूर होने चाहिए। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही, हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’’
भारत-चीन के सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प
बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले काफी वक्त से लद्दाख में जारी विवाद अब और भी गहरा गया है। सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है। शुरुआत में बताया गया कि इस झड़प में भारतीय सेना के अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं। ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी।
मई से जारी है भारत-चीन सीमा पर तनाव
बीते कई दिनों से दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है। बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम किया जाए या डी-एक्सकेलेशन किया जाए। डी-एक्सकेलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं।