शिवसेना के नेता और पहली बार विधायक बने आदित्य ठाकरे ने सोमवार को महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता लोगों की समस्याओं का समाधान करना होगा।
मुंबई के वर्ली से 29 वर्षीय विधायक आदित्य अपने पिता उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार में कैबिनेट स्तर के सबसे युवा मंत्री हैं। शपथ ग्रहण समारोह के बाद संवाददाताओं से विधायक ने कहा, ‘‘मैं लोगों के लिए काम करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहूंगा। मैं मानता हूं कि तीनों दल (शिवसेना, राकांपा, कांग्रेस) मिलकर काम करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि जो लोग सच्चाई पसंद करते हैं वे हमारे साथ हैं। हम सच्चाई के साथ हैं। हम ‘सत्यमेव जयते’ का अनुसरण करते हैं। तीनों दलों के बीच विश्वास की कमी नहीं है।’’ अपना पूरा नाम ‘आदित्य रश्मि उद्धव ठाकरे’ लेने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मां खुद को राजनीति से दूर रखती है। मेरे विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय करने से पहले उन्होंने मुझसे भी पूछा था कि क्या मैं राजनीति में आने के लिए तैयार हूं।’’
चुनाव मैदान में बतौर प्रत्याशी उतरने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य आदित्य ठाकरे ने अपने पिता उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की गठबंधन सरकार में सोमवार को मंत्री पद की शपथ ली। आदित्य ठाकरे के बारे में माना जा रहा है कि वह पार्टी और सरकार दोनों में ज्यादा अहम भूमिका में नजर आ सकते हैं।
राज्य में 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई की वरली विधानसभा सीट से 29 वर्षीय आदित्य को जबर्दस्त जीत मिली थी। युवा शिवसेना नेता अब अपनी पार्टी को और अधिक समावेशी एवं विविधतापूर्ण बनाने की कोशिश करेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान, उन्होंने कई रोड शो, रैलियां कीं और आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई और मुंबई की नाइट लाइफ जैसे मुद्दे उठाए।
उन्होंने कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र को ‘विकास का मॉडल’ बनाना चाहते हैं। अपनी बड़ी जीत को आसान बनाने के लिए उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के गैर मराठी मतदाताओं से भी संपर्क किया। माहिम के बंबई स्कॉटिश स्कूल से पढ़े आदित्य ने सेंट जेवियर्स कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक किया है और उन्हें के सी कॉलेज से लॉ में भी डिग्री हासिल है।
वह राज्य में जन मुद्दों और युवाओं की चिंता के प्रति खुद को हमेशा सजग रखते हैं। प्लास्टिक के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का कुछ हद तक श्रेय उनके अभियान को दिया जाता है। उन्होंने सभी मॉल एवं रेस्तरां को रात भरा खुला रखने की अनुमति देकर मुंबई की नाइट लाइफ में जान फूंकने का भी प्रस्ताव दिया। युवा राजनीतिक के अंदर उनके दादा बालासाहेब ठाकरे, पिता उद्धव ठाकरे और चाचा राज ठाकरे का रचनात्मक पहलू भी देखने को मिलता है।