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शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकारः विजयवर्गीय ने कहा- बेमेल गठबंधन, यह सरकार महाराष्ट्र का विकास कर पायेगी या नहीं?

By भाषा | Updated: November 16, 2019 16:31 IST

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना खारिज करते हुए कहा है कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

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ठळक मुद्देमुझे लगता है कि वहां जिस प्रकार का बेमेल गठबंधन हो रहा है, उससे सवाल खड़े हो रहे हैं।हालांकि, फिलहाल हम इन सवालों को लेकर अपनी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करना नहीं चाहते।

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता हासिल करने के लिये बेमेल विचारधारा वाले दलों का गठबंधन हो रहा है, लेकिन इस गठजोड़ के भविष्य को लेकर जनमानस में कई सवाल तैर रहे हैं।

विजयवर्गीय का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब राकांपा प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना खारिज करते हुए कहा है कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।

महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर पूछे गये सवाल पर भाजपा महासचिव ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मुझे लगता है कि वहां जिस प्रकार का बेमेल गठबंधन हो रहा है, उससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि इसकी (संभावित) सरकार चल पायेगी या नहीं? यह सरकार प्रदेश का विकास कर पायेगी या नहीं?"

उन्होंने कहा, "ये सारे प्रश्न जनमानस में हैं। हालांकि, फिलहाल हम इन सवालों को लेकर अपनी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त करना नहीं चाहते।" विजयवर्गीय ने कहा, "राज्य में पांच साल तक काम करने वाली किसी भी सरकार के पास विकास को लेकर एक नजरिया होता है। लेकिन वहां (महाराष्ट्र में) सत्ता के लिये बनते दिख रहे गठबंधन का एजेंडा सीमित प्रतीत होता है जिसके तहत बेमेल विचारधाराओं के दल इकट्ठे हो रहे हैं।"

शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की नयी सरकार बनने की स्थिति में महाराष्ट्र में भाजपा की भावी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर पार्टी महासचिव ने कहा, "हम तो आशीर्वाद देंगे। हम चाहेंगे कि प्रदेश का विकास हो। हम (संभावित सरकार को) तोड़ेंगे नहीं।"

उन्होंने कहा, "हमने भी अपनी विपरीत विचारधारा वाली पार्टी (पीडीपी) से जम्मू-कश्मीर में समझौता किया था। लेकिन हमारा लक्ष्य पहले से तय था। हमने इस सूबे से अनुच्छेद 370 हटाकर बता दिया कि यह समझौता क्यों किया गया था।" विजयवर्गीय ने इसी संदर्भ में कहा, "कभी-कभी दो कदम आगे बढ़ने के लिये एक कदम पीछे हटाना पड़ता है। हमने यह करके दिखाया।" 

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