जम्मू कश्मीर: शाह फैसल ने छोड़ी राजनीति, आईएएस सेवा में लौटने की अटकलें
By भाषा | Published: August 11, 2020 05:37 AM2020-08-11T05:37:54+5:302020-08-11T05:37:54+5:30
आईएएस से इस्तीफा देकर पिछले साल जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) का गठन करने वाले शाह फैसल ने राजनीति छोड़ दी है और उनके सरकारी सेवा में लौटने अटकलें तेज हो गई है।
श्रीनगर। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा देकर पिछले वर्ष जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) का गठन करने वाले शाह फैसल ने इसके अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। यह जानकारी पार्टी ने सोमवार को दी। अटकलें हैं कि वह अनुमति मिलने पर सरकारी सेवा में लौट सकते हैं। यूपीएससी की 2009 की परीक्षा में देशभर में अव्वल रहने वाले 37 वर्षीय फैसल ने जनवरी 2019 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से इस्तीफा देकर नयी पार्टी बनाई थी और इसके पहले अध्यक्ष बने थे।
पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर प्रदेश से आईएएस की परीक्षा में अव्वल रहने वाले वह पहले अभ्यर्थी थे। 2010 बैच के अधिकारी फैसल पिछले साल पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये जाने के विरुद्ध थे और उन्हें कुछ दिन बाद तुर्की की उड़ान पकड़ने से पहले दिल्ली हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया गया था। फैसल के खिलाफ कड़े जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और उन्हें बाद में जून में रिहा कर दिया गया था। डॉक्टर से नौकरशाह बने फैसल का राजनीतिक कॅरियर सोमवार को उनके अध्यक्ष पद छोड़ने की अचानक की गयी घोषणा के साथ खत्म हो गया।
जेकेपीएम के उपाध्यक्ष फिरोज पीरजादा पद पर औपचारिक चुनाव होने तक पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष होंगे। फैसल ने राजनीति में आने से पहले आईएएस पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया और 2018 में सरकार द्वारा उन्हें दिये गये कारण बताओ नोटिस के निस्तारण तक इसे लंबित रखा गया। उनका नाम कार्मिक विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर सेवारत आईएएस अधिकारियों की सूची में अब भी है। फैसल के राजनीति छोड़ने के फैसले से इन अटकलों को बल मिला है कि वह अनुमति मिलने पर सरकारी सेवा में लौट सकते हैं। इंडिया टुडे ने उनके हवाले से कहा कि कश्मीर में ‘नयी वास्तविकता’ है और लोगों को इसके साथ तालमेल बैठाना होगा।
उन्होंने इंडिया टुडे नेटवर्क से कहा, ‘‘आईएएस सेवा का सदस्य होने के नाते मैं इस देश के भविष्य में एक पक्षकार हूं। मैं इस बात की कल्पना नहीं कर सकता कि कुछ लोग भारत विरोधी क्यों होंगे। मैं एक देश के लिए विश्वासघाती नहीं दिख सकता जिसने मुझे सबकुछ दिया है। मैं आगे बढ़ना चाहता हूं और नयी शुरूआत करना चाहता हूं। चाहे किसी भी ओहदे पर रहूं।’’
गृह और कार्मिक मंत्रालयों के अधिकारियों ने फैसल के फिर से सिविल सेवा में लौटने की संभावना के सवालों पर जवाब नहीं दिया लेकिन कहा कि जून 2018 में उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस पर उनका जवाब अभी तक नहीं मिला है। उन्हें महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार पर ट्विटर पर उनकी टिप्पणी के लिए नोटिस दिया गया था। क्या फैसल फिर ड्यूटी पर लौट सकते हैं, इस पर अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पहले उनके खिलाफ लगे आरोपों पर सफाई देनी होगी, जिसके बाद उनके इस्तीफे को स्वीकार करने या अस्वीकृत करने का फैसला लिया जाएगा।