पटनाः कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते देश 17 मई तक लॉकडाउन है। इस दौरान बिहार के प्रवासी मजदूर व कामगार देश के विभिन्न राज्यों के शहरों में फंसे हुए हैं, जोकि लगातार अपने गांव जाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगा रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार ने कुछ मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया है। इस बीच विपक्ष नीतीश कुमार पर हमलावर है। तेजस्वी यादव ने मजूदरों को लाने के लिए 50 ट्रेनों का किराया देने का ऐलान किया है।
तेजस्वी यादव ने कहा, '15 साल वाली डबल इंजन सरकार अप्रवासी बिहारी मजदूरों को वापस नहीं लाने के बहाने खोज टाल-मटोल कर रही है। 5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे हैं। कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते हैं। नीतीश सरकार की मंशा कतई मजदूरों को वापस लाने की नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय जनता दल शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम मजदूरों की तरफ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करे, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफर करेगी।'
तेजस्वी यादव ने कहा, 'आदरणीय नीतीश कुमार जी, गरीब मजदूरों की तरफ से 50 ट्रेनों का किराया राजद वहन करने के लिए एकदम तैयार है क्योंकि डबल इंजन सरकार सक्षम नहीं है। कृपया अब अविलंब प्रबन्ध करवाइए। सुशील मोदी जी- कुल जोड़ बता दीजिए, तुरंत चेक भिजवा दिया जाएगा। वैसे भी आपको खाता-बही देखने का शौक है।'
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'लगभग 40 लाख बिहारियों यानि उनके परिवार सहित लगभग 2 करोड़ लोगों के जीवन की बिहार सरकार को कोई परवाह नहीं। सरकार नशामुक्ति (24000 करोड़ रुपये का घाटा), जल-जीवन हरियाली (24500 करोड़) और विज्ञापन (500 करोड़) के नाम पर कुल 49000 करोड़ खर्च कर देगी। लेकिन, गरीबों का जीवन बचाने का मात्र 500 रुपये किराया नहीं।'