रघुवंश प्रसाद की चिट्ठी पर बिहार में सियासी घमासान, महागठबंधन के नेताओं ने बताया साजिश, एनडीए ने कहा- हम करेंगे उनकी अंतिम इच्छा पूरी
By भाषा | Published: September 15, 2020 07:17 AM2020-09-15T07:17:53+5:302020-09-15T07:19:52+5:30
आरजेडी की ओर से ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह की ओर से चिट्ठी जबर्दस्ती लिखवाई गई। वहीं, एनडीए ने भी पलटवार किया है। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश सरकार रघुवंश प्रसाद सिंह की अंतिम इच्छा पूरी कर उन्हें सार्थक श्रद्धांजलि देगी।
पटना: राजद के पूर्व कद्दावर दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा लिखी गई चिट्ठी को लेकर बिहार में राजनीति गरमाती ही जा रही है और इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बिहार राजद के साथ विपक्षी महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने दावा किया है कि रघुवंश बाबू से जबरन चिट्ठी लिखवाई गई थी।
उन्होंने कहा कि वे रघुवंश बाबू को लंबे वक्त से जानते हैं, वो जहां थे, काफी मजबूती से थे और उस वक्त भी नरेंद्र मोदी सरकार और नीतीश कुमार की 'बुराई' कर रहे थे। राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि वे रघुवंश बाबू से एक सप्ताह पहले मिले थे लेकिन उस वक्त भी ऐसी कोई बात नहीं थी। रघुवंश बाबू उस समय भी लालू प्रसाद की ही तरफदारी कर रहे थे।
'लालू-रघुवंश का रिश्ता खून पसीने से है'
अखिलेश सिंह ने दावा किया कि यह चिट्ठी जबर्दस्ती लिखवाई गई है। अखिलेश ने कहा कि रघुवंश बाबू अपनी लड़ाई पार्टी में रहकर लड़ते थे, ऐसे में इस प्रकरण की घोर निंदा होनी चाहिए।
वहीं राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सत्ताधारी राजग गठबंधन में शामिल भाजपा, जदयू और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के कुछ नेताओं की तरफ से रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ राजद के रवैए पर सवाल उठाये जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसी बातें करने वाले लोग लालू जी का ख़त पढ़ लें, इस रिश्ते की बुनियाद ख़ून-पसीने से है।
राजद नेता ने कहा कि उनलोगों के अंदर की संवेदना ही नहीं है कि वो लोग किसी का आदर करें। राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने आरोप लगाया कि रघुवंश सिंह के पत्र में सरकार ने साजिश की है। कोई भी व्यक्ति आईसीयू से पत्र नहीं लिख सकता है। राजद एमएलसी सुबोध राय ने पूछा कि भला आईसीयू में भर्ती इंसान चिट्ठी कैसे लिख सकता है।
सुबोध ने कहा कि कोविड के बाद रघुवंश बाबू से मेरी मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा था कि आरजेडी छोड़ने का सवाल ही नहीं है, बावजूद इसके ऐसी चिट्ठी पर सवाल खड़ा होता है। सरकार चिट्ठी पर सियासत कर रही है।
आरजेडी के आरोप पर एनडीए का पलटवार
महागठबंधन के नेताओं के इन आरोपों पर राजग के नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रदेश सरकार रघुवंश प्रसाद सिंह की अंतिम इच्छा पूरी कर उन्हें सार्थक श्रद्धांजलि देगी। वे हमें अपने सपने सौंप कर गए हैं।
उन्होंने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि रघुवंश बाबू वैशाली के गौरव, लोकतंत्र की गरिमा, किसानों के खेत और गरीबों के पेट की चिंता करने वाले राजनेता थे, लेकिन आखिरी वक्त में वे दम्भी, परिवारवादी और निजी सम्पत्ति बनाने के लिए राजनीति का दुरुपयोग करने वालों से इस कदर घिर गए थे कि उन्हें मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखनी पड़ी। उनका पत्र जनहित के मुद्दे लिए एनडीए सरकार की विश्वसनीयता का प्रमाणपत्र है।
सुशील ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि राजद और कांग्रेस ने रघुवंश प्रसाद सिंह के जीवनकाल में उनका इतना अपमान किया कि वे मत्यु से संघर्ष नहीं कर पाये। उन्होंने कहा कि अब उनके जिस पत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार सरकार बिंदुवार संज्ञान लेकर उनकी इच्छा पूरी करने में लगी है, उस पत्र को कोई फर्जी बता रहा है, तो कोई साजिश बता रहा है।
बिहार सरकार के मंत्री और जदयू नेता नीरज कुमार ने भी राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसे बयान देते हुए भी राजद के नेताओं को शर्म आनी चाहिये। राजद नेताओं ने जीते जी उनका ख्याल नहीं रखा। अब उनके निधन के बाद ऐसे सवाल उठाकर और छोटा कर रहे हैं।