कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को दिए गए अयोग्यता नोटिस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट ने सचिन पायलट गुट को फिलहाल राहत देते हुए इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। बहरहाल, हाईकोर्ट आगे की सुनवाई जारी रखेगा। आगे की सुनवाई में इस मामले में कानूनों पर चर्चा की जाएगी।
इससे पहले राजस्थान हाई कोर्ट ने सचिन पायलट, बागी विधायकों द्वारा अयोग्यता के मुद्दे पर दायर याचिका में भारत सरकार को पक्षकार बनाए जाने की मांग भी स्वीकार कर ली। दरअसल पायलट गुट की ओर ये केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की याचिका गुरुवार को दी गई थी। ये याचिका इस आधार पर दायर की गई थी कि संविधान संशोधन को चुनौती दी गई है और इसलिये भारत सरकार अब एक अनिवार्य पक्ष है।
इसके बाद से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि फैसले में देरी संभव है। बहरहाल, कोर्ट के इस आदेश के अब मायने ये हुए कि राजस्थान विधानसभा के स्पीकर पायलट सहित बागी विधायकों पर अयोग्यता की कोई कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। इससे पिछली हुई सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राजस्थान कांग्रेस में घमासान: अब तक क्या-क्या हुआ
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बर्खास्त किए गए उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है। पायलट और 18 विधायकों के अशोक गहलोत के बगावत के बाद कांग्रेस के अंदर चल रही लड़ाई सतह पर आ गई थी। बाद में स्पीकर की ओर से बागी विधायकों के खिलाफ नोटिस जारी कर उनसे पूछा गया कि क्यों न उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए।
इसके बाद बागी विधायकों ने 16 जुलाई को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बाद में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने 24 जुलाई यानी की आज फैसला सुनाने की बात कही थी और पायलट समेत बागी विधायकों के खिलाफ कोई कदम तब नहीं उठाने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ स्पीकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के बाद साफ कर दिया कि राजस्थान हाई कोर्ट इस संबंध में फैसला दे सकती है।
(भाषा इनपुट)