रायबरेली। मजदूरों के लिए कांग्रेस की तरफ से बस चलाए जाने की पेशकश पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ जाने वाली विधायक अदिति सिंह को निलंबित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सदर विधायक अदिति सिंह को कांग्रेस ने पार्टी से निलंबित कर दिया है। उन्हें कांग्रेस की महिला विंग की महासचिव पद से भी हटा दिया गया है। कांग्रेस ने अदिति सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस कार्रवाई के बाद अदिति सिंह ने अपने ट्विटर प्रोफाइल की फीचर फोटो हटा दी है, साथ ही ट्विटर पर अपने बारे में दिए गए परिचय में से कांग्रेस का नाम मिटा दिया है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस द्वारा उठाए गए कदम पर अदिति सिंह ने कहा कि मैं फैसले का स्वागत करती हूं। अदिति ने कांग्रेस और भाजपा के बीच मजदूरों के लिए चलाई जाने वाली बसों पर छिड़ी बहस के बीच ट्वीट कर अपनी ही पार्टी को घेरा था।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने अदिति सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। अदिति सिंह को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था, लेकिन विधायक ने पार्टी को कोई जवाब अभी तक नहीं दिया है। सूत्रों के मुताबिर फिलहाल वह पार्टी और पार्टी के महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित रहेंगी।
बताते चलें कि अदिति सिंह ने कांग्रेस और भाजपा के बिच बस पर छिड़ी सियासत के बीच ट्वीट किया था, ''अगर बसें हैं तो राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाईं? इस कोरोना के इस संकट की घड़ी में निम्न सियासत न करें।'' अदिति सिंह ने ट्वीट किया था, ''आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत? एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व ऐबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, यह कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई?'
अदिति ने दूसरे ट्वीट में लिखा था, 'कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें। तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी आदित्यनाथ जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।'