'मोदी फैक्टर' की वजह से तेलंगाना में जल्दी चुनाव कराना चाहते हैं केसीआर, समझें पूरा समीकरण

By आदित्य द्विवेदी | Published: September 6, 2018 03:09 PM2018-09-06T15:09:00+5:302018-09-06T16:04:57+5:30

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कार्यकाल से पहले ही तेलंगाना विधानसभा भंग करने का फैसला किया है। जानें इसके पीछे की बड़ी वजहें...

Reason behind Telangana house dissolve, Whey KCR want early elections | 'मोदी फैक्टर' की वजह से तेलंगाना में जल्दी चुनाव कराना चाहते हैं केसीआर, समझें पूरा समीकरण

'मोदी फैक्टर' की वजह से तेलंगाना में जल्दी चुनाव कराना चाहते हैं केसीआर, समझें पूरा समीकरण

हैदराबाद/नई दिल्ली, 6 सितंबरः चुनावी रण के लिए तेलंगाना की सभी राजनीतिक पार्टियां समय से पहले कूद पड़ी हैं। गुरुवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने हफ्तों पुराने कयासों पर विराम लगाते हुए विधानसभा भंग कर दी है। कैबिनेट बैठक के बाद केसीआर राजभवन पहुंचे जहां राज्यपाल नरसिम्हन राव ने प्रस्वात स्वीकार कर लिया है। तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल मई 2019 में समाप्त हो रहा था ऐसे में सवाल उठता है कि चंद्रशेखर राव ने समय से पहले विधानसभा क्यों भंग की? केसीआर को चुनाव की जल्दबाजी क्यों है?

एकसाथ नहीं चाहते लोकसभा-विधानसभा चुनाव

लोकसभा और तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल मई 2019 में समाप्त हो रहा है। इस स्थिति में अगर विधानसभा भंग नहीं की जाती तो दोनों चुनाव साथ होंगे। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक टीआरएस का मानना है कि अगर दोनों चुनाव साथ होते हैं तो बीजेपी की एंटी एंकम्बेंसी का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। इसके अलावा टीआरएस के विकास कार्य भी केंद्र के ताबड़तोड़ प्रचार में दब सकते हैं।

मोदी-फैक्टर कितना असरकारक?

के चंद्रशेखर राव खुले तौर पर नरेंद्र मोदी की आलोचना नहीं करते हैं। इस वजह से उन्हें प्रो-मोदी माना जाता है। अगर लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ होते हैं तो केंद्र की एंटी एंकम्बेंसी उनके आड़े भी आ सकती है। इसी समय अगर राजस्थान और मध्य प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करती है तो तेलंगाना में भी उसका असर देखने को मिल सकता है।

इस साल के अंत में चाहते हैं चुनाव

टीआरएस मुखिया चंद्रशेखर राव चाहते हैं कि लोकसभा की बजाए इस साल के अंत में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा के साथ ही तेलंगाना के चुनाव भी हों। हालांकि यह चुनाव आयोग को तय करना है। 2014 में बने तेलंगाना के लिए केसीआर नया जनादेश चाहते हैं। उन्होंने लोगों से दिल्ली की पार्टियों को नकारने की अपील की जो उन्हें गुलाम बनाना चाहती हैं।

चुनावी कैम्पेन की तैयारी पूरी

टीआरएस ने विधानसभा भंग करने की घोषणा से पहले ही चुनावी कैम्पेन की पूरी रणनीति बना ली है। शुक्रवार को 'प्रजल आशीर्वाद सभा' का आयोजन करेंगे जिसमें लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना है। ये उन 100 रैलियों का आगाज है जो केसीआर अगले कुछ महीनों में संबोधित करने वाले हैं। अपनी पिछली कुछ रैलियों में भी केसीआर ने अपने पिछले चार साल के कार्यकाल को ही हाईलाइट किया।

टीआरएस हमेशा चुनाव के लिए तैयार

समय से पूर्व चुनाव करने के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियों पर के.चंद्रशेखर राव  ने कहा था कि टीआरएस हमेशा चुनाव के लिए तैयार है। राव ने कहा, 'आमतौर पर सत्ताधारी पार्टी अपना कार्यकाल पूरा करना चाहती है। कोई नहीं चाहता कि वह समय से पहले चुनाव करा लें, लेकिन विपक्ष इस चीज के लिए ज्यादा बेसब्र रहता है और सत्ता में आई सरकार को हटाना चाहता है।'

तेलंगाना विधानसभा की मौजूदा स्थिति

तेलंगाना विधानसभा में 119 सदस्य जनता द्वारा चुनकर आते हैं जबकि 1 सदस्य को मनोनीत किया जाता है। 2014 चुनाव में 119 में से 90 सीटें टीआरएस के खाते में आई थी जबकि कांग्रेस को 13, आईएमआईएम को सात और बीजेपी को पांच सीटों पर जीत मिली थी। विधानसभा भंग होने की स्थिति में फिलहाल किसी अन्य के सरकार बनाने की कोई संभावना नहीं है।

Web Title: Reason behind Telangana house dissolve, Whey KCR want early elections

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे