जयपुरः राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव से पहले राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के ऊपर आरोप लग रहे हैं कि वह विधायकों को अपने पाले में करने के लिए प्रलोभन दे रही है, जिसको लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार किया। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की पहल पर यह पॉलिटिक ड्रामा चल रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सतीश पूनिया ने कहा, 'पिछले कई दिनों से राजस्थान में मुख्यमंत्री जी की पहल पर एक पॉलिटिकल ड्रामा चल रहा है, मामला राज्यसभा के चुनाव का है। पिछले कई दिनों में अनेक बार अनर्गल सी बातें एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुए व्यक्ति ने कहीं हैं।'
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का कोई भी विधायक हमारे संपर्क में नहीं है, जो भाजपा के साथ जुड़ना चाहता है, जो मोदी जी की नीतियों में विश्वास रखता है, जो कांग्रेस की नाकारा सरकार को लात मारना चाहता है हम उसका स्वागत करते हैं।'
राजस्थान में धन भेजे जाने की शिकायत SOG में की गई
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन के लिए भारी मात्रा में धन राजस्थान भेजे जाने की शिकायत पुलिस के विशेष कार्यबल, एसओजी से की गयी है ताकि इसकी जांच की जाए। गहलोत ने कहा कि एसओजी में शिकायत दर्ज करवाई गई है ताकि इस संगठित अपराध में लिप्त लोगों की जांच हो सके।
'राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए प्रलोभन'
गहलोत ने बुधवार को कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर भेजी जा रही है। हालांकि उन्होंने इसमें किसी पार्टी या पदाधिकारी का नाम नहीं लिया था। इससे पहले विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में बिना किसी का नाम लिए शिकायत दर्ज कराई कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस एवं उसके समर्थक निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है।
राज्यसभा की तीन सीटों पर 19 जून को वोटिंग
राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव 19 जून को होने हैं। इन चुनाव के लिए कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने राजेन्द्र गहलोत को उम्मीदवार बनाया था हालांकि अंतिम क्षणों में भाजपा के ओंकार सिंह लखावत ने भी पर्चा दाखिल किया। राज्य की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। इनमें छह विधायक पिछले साल बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं।