सियासी जोड़तोड़ की चर्चाः राजस्थान को मध्य प्रदेश बनाना आसान नहीं, लेकिन...
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: June 11, 2020 19:10 IST2020-06-11T19:10:06+5:302020-06-11T19:10:06+5:30
सीएम गहलोत आज की सियासत के पक्के खिलाड़ी हैं, इसलिए भी बीजेपी की राह आसान नहीं है, परन्तु यह देखना दिलचस्प होगा कि वे बीजेपी के लगातार सियासी हमलों से कैसे बचाव करते हैं और कैसे सियासी संतुलन कायम रखते हैं?

बीजेपी अच्छी तरह से जान चुकी है कि आज बहुमत सेवा से नहीं सिक्कों से मिलता है, लिहाजा राजस्थान में उसके प्रयास जारी रहेंगे. (file photo)
जयपुरः इन दिनों एक बार फिर राजस्थान में मध्य प्रदेश जैसी सियासी जोड़तोड़ की चर्चाएं हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐसा करना राजस्थान में आसान है?
इस संबंध में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि- इस बात का मुझे गर्व है कि मैं इस राजस्थान की धरती पर मुख्यमंत्री हूं, जिस धरती के लाल ऐसे हैं जो बिना सौदे के और बिना लोभ-लालच के सरकार का साथ देते हैं!
लेकिन, बीजेपी अच्छी तरह से जान चुकी है कि आज बहुमत सेवा से नहीं सिक्कों से मिलता है, लिहाजा राजस्थान में उसके प्रयास जारी रहेंगे. बीजेपी राजस्थान में कांग्रेस की कच्ची कड़ियां तलाश रही है, तो सीएम गहलोत के सामने इन कच्ची कड़ियों की पहचान और उन्हें संभाल कर रखने की चुनौती है.
कुछ नेता इस राजनीतिक आपदा को अवसर की तरह देख रहे हैं, जो इधर हैं उन्हें मंत्री जैसे पद उधर जाने से रोक सकते हैं, तो उधर से कोई बड़ा फायदा मिलने पर कुछ का राजनीतिक हृदय परिवर्तन संभव है.
बीजेपी के लिए एक बड़ी बाधा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं.
मध्य प्रदेश में उन्होंने अपनी टीम के साथ बीजेपी में प्रवेश किया था, लेकिन अभी तक उनकी टीम को संतोषजनक राजनीतिक परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं, लिहाजा राजस्थान में बड़ी सियासी तोड़फोड़ करना इस वक्त थोड़ा मुश्किल है.
सीएम गहलोत आज की सियासत के पक्के खिलाड़ी हैं, इसलिए भी बीजेपी की राह आसान नहीं है, परन्तु यह देखना दिलचस्प होगा कि वे बीजेपी के लगातार सियासी हमलों से कैसे बचाव करते हैं और कैसे सियासी संतुलन कायम रखते हैं?