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राजस्थान: जयपुर लौटने के दौरान बस में विधायकों ने गाया गाना, कैसे नजरें फेर ली मतलब निकल जाने के बाद, देखें वीडियो

By अनुराग आनंद | Updated: August 12, 2020 13:51 IST

सचिन पायलट के कांग्रेस में वापसी के बाद अब यह माना जा रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पर फिलहाल कोई संकट नहीं है।

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ठळक मुद्देसचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुद्दों के समाधान के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है।सचिन पायलट समेत उनके खेमे के सभी कांग्रेसी विधायक वापस जयपुर लौट गए हैं। अशोक गहलोत के समर्थन में जैसलमेर में रह रहे सभी विधायक जयपुर आज विमान से लौट रहे हैं।

जयपुर: राजस्थान विधानसभा में 14 अगस्त से सत्र प्रारंभ होना है। इससे पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट बागी विधायकों के साथ जयपुर लौट गए हैं। राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मिलने के बाद सचिन पायलट ने सभी विधायकों के साथ कांग्रेस पार्टी में वापसी कर ली है। सचिन पायलट ने आलाकमान को भरोसा दिया है कि विधानसभा सत्र के दौरान उनके समर्थक विधायक अशोक गहलोत के समर्थन में वोट करेंगे।

इस बीच एक वीडियो सामने आई है, जिसमें देखा जा सकता है कि जैसलमेर से कांग्रेस विधायक बसों में बैठकर जयपुर वापस लौट रहे हैं। इस दौरान बस में एक विधायक गाना गा रहे हैं कि दिल मेरा लेने के खातिर मिन्नतें क्या क्या ना की, कैसे नजरें फेर ली मतलब निकल जाने के बाद, वक्त सारी जिंदगी में दौर गुजरे हैं कठिन, एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद।

जब विधायक गाना गा रहे हैं तो बस में बाकी कई विधायक भी इस गाने पर गुनगुना रहे हैं। इस गाने के माध्यम से छायावादी तरह से विधायक ने कहीं न कहीं अपने मन की वो बात कहने की कोशिश की है, जो सियासी घमासान पर वह सोच रहे हैं।   

विधायकों की नाराजगी पर बोले अशोक गहलोत आलाकमान का फैसला सर्वोपरी-

राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक मंगलवार रात हुई। बैठक में कई विधायकों ने सचिन पायलट व अन्य बागी विधायकों की वापसी को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बदले राजनीतिक समीकरणों से विधायकों को अवगत कराया और इस दौरान कई विधायकों ने सचिन पायलट व अन्य बागी विधायकों की वापसी को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की।

पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन में सभी विधायकों को मौजूदा राजनीतिक संकट में इतने दिन तक निस्वार्थ भाव से एकजुट रहने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद विधायक लोकतंत्र के लिए, पार्टी के लिए, प्रदेश व देश के लिए इतने दिन बिना किसी लोभ प्रलोभन में आए एकजुट रहे जो अपने आप में एक इतिहास है।

बैठक के दौरान बड़ी संख्या में विधायकों ने सचिन पायलट व उनके खेमे के 18 अन्य विधायकों की वापसी को लेकर नाराजगी जताई। पायलट खेमे द्वारा दिए जा रहे कथित बयानों को लेकर भी बात हुई। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के बयानों की परवाह नहीं करनी चाहिए हमें आलाकमान पर पूरा विश्वास है। आलाकमान ने जो भी फैसला किया होगा उचित किया होगा।

सचिन पायलट ने कहा कोई पद नहीं मांगा, आलाकमान जो आदेश करे सबके लिए तैयार हूं

राजस्थान में राजनीतिक संकट के पटाक्षेप के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित की जा रही तीन सदस्यीय समिति राज्य में नेतृत्व समेत उनकी ओर से उठाए गए सभी मुद्दों पर गौर करेगी तथा बहुत जल्द फैसला होगा। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में यह भी कहा कि उनकी ओर से कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष किसी पद की कोई मांग नहीं रखी गई है, लेकिन पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी उसे वो पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।

गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के साथ सोमवार को पायलट की मुलाकात के बाद राजस्थान का सियासी संकट खत्म हो गया। पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुद्दों के समाधान के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया है।

पायलट ने कहा, ‘‘हम कुछ मुद्दों को लेकर दिल्ली आए थे। पहला यह था कि देशद्रोह के मामले में मुझे नोटिस जारी किया गया। मुझे लगा कि वो अनुचित कदम था। इसको लेकर लोग अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए दिल्ली आए थे। इसके बाद पदों से हटाना, मामले दर्ज करना, एसओजी की जांच, ऐसे कई घटनाक्रम हुए जिससे मामला बढ़ता चला गया।’’

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