नई दिल्ली: राजस्थान के सियासी संग्राम में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट खेमे के विधायकों को अयोग्य ठहराने को लेकर दाखिल अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली है। कांग्रेस अब राजनीतिक मोर्चे पर लड़ाई को मजबूत करेगी।
इस मामले में कपिल सिब्बल ने कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई करने की जरूरत नहीं है। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में याचिका को वापस लेने की अनुमति स्पीकर सीपी जोशी को दे दी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस बात की जानकारी खुद कपिल सिब्बल ने दी है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस की कोशिश अब अदालती नहीं बल्कि राजनीतिक लड़ाई लड़ने की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने कहा कि वो शुक्रवार को आए हाईकोर्ट के फैसले के तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद एक बार फिर से कोर्ट में उस फैसले के खिलाफ चुनौती दे सकते हैं।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने से जुड़ी फाइल को लौटा दिया है
राजस्थान में कांग्रेस के बीच जारी घमासान के साथ-साथ अशोक गहलोत सरकार और राजभवन में भी टकराव खुलकर नजर आने लगा है। मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने अशोक गहलोत सरकार की विधानसभा सत्र बुलाने से जुड़ी फाइल को लौटा दिया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राजभवन ने फाइल लौटाने के साथ-साथ कुछ और जानकारी भी राज्य सरकार से मांगी है।
दरअसल, राज्य में सरकार बचाने की चुनौती का सामना कर रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल ने 31 जुलाई को विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को संशोधित प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव में राजस्थान सरकार ने विधानसभा में कोरोना पर चर्चा की बात कही थी। सूत्रों के अनुसार फ्लोर टेस्ट का इसमें जिक्र नहीं था।
राजभवन में पिछले हफ्ते विधायकों ने दिया था धरना
सचिन पायलट गुट के बगावती होने और राजस्थान हाई कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद अशोक गहलोत पिछले ही हफ्ते से विधानसभा सत्र बुलाने की जोर-आजमाइश कर रहे हैं। वे कई बार राज्यपाल से इस संबंध में मिल भी चुके हैं। पिछले हफ्ते शुक्रवार को वे अपने सभी समर्थक विधायकों के साथ राजभवन भी पहुंचे थे।
राजभवन में कांग्रेस विधायकों ने पांच घंटे तक धरना भी दिया था। बाद में धरना खत्म हो गया था लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि वह संविधान के अनुसार चलेंगे न कि दबाव में आयेंगे। मिश्र ने गहलोत से स्पष्टीकरण के साथ दोबारा प्रस्ताव भेजने को कहा था। वहीं, गहलोत का आरोप है कि सरकार विधानसभा सत्र बुलाना चाहते हैं लेकिन मौका नहीं दिया जा रहा है।