नई दिल्ली: राजस्थान में सिसायी उठापठक (Rajasthan Political crisis) के बीच शुक्रवार (24 जुलाई) को सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने चुप्पी तोड़ी है। राजस्थान हाईकोर्ट में जल्द ही नोटिस मामले को लेकर सुनवाई और फैसला आने की बात के बीच सचिन पायलट ने कहा है, 'मैं अपने ऊपर लगे सारे आरोपों का जवाब दूंगा।' एबीपी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सचिन पालयट ने कहा, ''मेरी लड़ाई अशोक गहलोत से है और मैं से इसे कांग्रेस में रहकर ही लडूंगा। मैं कभी भी बीजेपी में नहीं जाऊंगा।'' सचिन पायलट को सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद 14 जुलाई को राजस्थान के उप मुख्यमंत्री पद और राज्य के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सचिन पालयट आज प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं। हालांकि इसपर कोई अधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। राजस्थान में दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस द्वारा सचिन पायलट के बजाए अशोक गहलोत को तरजीह देने के बाद से ही सचिन पायलट खफा थे।
सचिन पायलट ने पहले भी कहा- बीजेपी में शामिल नहीं होने वाला हूं
पिछले हफ्ते इंडिया टूडे को दिए अपने इंटरव्यू में भी सचिन पायलट ने कहा था कि वह कभी भी बीजेपी में शामिल नहीं होने वाले हैं। सचिन पायलट ने कहा था कि उन्होंने कभी भी राजस्थान सरकार गिराने की साजिश नहीं की है।
सचिन पायलट ने 15 जुलाई 2020 को कहा था, मैं कांग्रेस से दुखी हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि मैं बीजेपी में शामिल होने वाला हूं। मैं बस जनता की सेवा करूंगा।
अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने पर सचिन पायलट ने अपने पिछले इंटरव्यू में कहा था, देखिए कांग्रेस पार्टी के अंदर चर्चा का कोई मंच बचा ही नहीं था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्ता में आने के बाद से कुछ भी नहीं किया। सचिन पायलट सीएम गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा, मुझे राजस्थान में विकास का काम नहीं करने दिया गया। यहां तक की अफसरों को भी कह दिया गया था कि वह मेरे आदेशों का पालन ना करें। ऐसे पद को लेकर फिर मैं क्या करता जब जनता से किए वादे ही मैं पूरे ना कर सका तो।''
सचिन पायलट ने बताया था आखिर क्यों है सीएम अशोक गहलोत से नाराज
सचिन पायलट ने कहा था, मैं अशोक गहलोत से नाराज नहीं हूं...मैंने उनसे कोई खास ताकत भी नहीं मांगी थी। मैं बस ये चाहता कि जनता से किए गए वादे पूरे हो। मेरे समर्थकों को भी विकास के कार्य करने का मौका नहीं मिला था।
सचिन पायलट ने कहा, मैंने बिना किसी परेशानी और कुछ बोले राहुल गांधी के फैसले (अशोक गहलोत का सीएम बनना) को मान लिया। मैं डेप्युटी सीएम भी नहीं बनना चाहता था लेकिन राहुल गांधी के कहने पर मैंने बना।
जानिए अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर क्या-क्या आरोप लगाए हैं?
राजस्थान में सियासी ड्रामे के बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 जुलाई को सचिन पायलट को 'निक्कमा और नकारा' तक बोल दिया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागी नेता सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिस शख्स को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के रूप में इतना मान-सम्मान मिला वही पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने का तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई और उदाहरण देखने को मिले कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने के षडयंत्र किया।
गहलोत ने जयपुर में 20 जुलाई को मीडिया से बात करते हुए कहा, ''हिंदुस्तान में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की कभी मांग नहीं हुई। हम जानते थे कि 'निक्कमा' है, 'नकारा' है, कुछ काम नहीं कर रहा है ... खाली लोगों को लड़वा रहा है।''