राजस्थान सियासी ड्रामाः कांग्रेस का आज पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन, बीजेपी पर लगाया लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र का आरोप
By रामदीप मिश्रा | Updated: July 25, 2020 09:22 IST2020-07-25T09:09:58+5:302020-07-25T09:22:10+5:30
Rajasthan political Crisis: विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर राजभवन में धरने पर बैठे कांग्रेस और उसका समर्थन कर रहे दलों के विधायकों ने राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से आश्वासन मिलने के बाद अपना करीब पांच घंटे लंबा धरना समाप्त कर दिया था।

राजस्थान में कांग्रेस आज पार्टी के सभी मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जयपुरः राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस आज 'बीजेपी द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र के खिलाफ' प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करने जा रही है। कांग्रेस का यह धरना प्रदर्शन सुबह 11 बजे शुरू हो रहा है। इसकी जानकारी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर दी थी।
उन्होंने ट्वीट किया, 'बीजेपी द्वारा राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या के षड्यंत्र के खिलाफ कल (शनिवार) सुबह 11 बजे सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा धरना प्रदर्शन किया जायेगा।' यह ट्वीट ऐसे समय में किया गया जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस व उसके समर्थक विधायकों ने राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी। विधायक विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सामूहिक आग्रह करने राज्यपाल के पास गए थे।
Congress will hold protests at all district headquarters in Rajasthan today against Bharatiya Janata Party's "conspiracy to murder democracy". pic.twitter.com/WY1UhTgRmV
— ANI (@ANI) July 25, 2020
राज्यपाल से आश्वासन मिलने के बाद धरना हुआ समाप्त
बता दें, विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर राजभवन में धरने पर बैठे कांग्रेस और उसका समर्थन कर रहे दलों के विधायकों ने राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से आश्वासन मिलने के बाद अपना करीब पांच घंटे लंबा धरना समाप्त कर दिया था। मिश्र ने कहा था कि सत्र आहूत करने के संबंध में वह बिना किसी दबाव और द्वेष के संविधान का पालन करेंगे। राज्यपाल ने इस बारे में फैसला करने से पहले कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। राजभवन की ओर से छह बिंदुओं के साथ पत्रावली राज्य सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय को भिजवाई गई है। इन बिंदुओं पर विचार के लिए गहलोत कैबिनेट की बैठक शुक्रवार रात मुख्यमंत्री निवास पर हुई।
गहलोत ने राज्यपाल लगाया था 'ऊपर से दबाव' का आरोप
घटनाक्रम की शुरुआत शुक्रवार को उस वक्त हुई जब मुख्यमंत्री गहलोत ने दोपहर करीब 12 बजे संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि सरकार के आग्रह के बावजूद 'ऊपर से दबाव' के कारण राज्यपाल विधानसभा का सत्र नहीं बुला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि उनके पास बहुमत है और विधानसभा में 'दूध का दूध और पानी का पानी' हो जाएगा।
राजस्थान में बहुमत का समीकरण
आपको बता दें, साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही सचिन पायलट नाराज चल रहे थे। राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 और बीजेपी के पास 72 विधायक हैं। यदि 19 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो राज्य विधानसभा की मौजूदा प्रभावी संख्या घटकर 181 हो जाएगी, जिससे बहुमत का जादुई आंकड़ा 91 पर पहुंच जाएगा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए बहुमत कायम रखना आसान होगा।