राजस्थान विधानसभाः 31 जुलाई से हो सत्र, राज्यपाल मिश्र और सीएम गहलोत में ठनी, गवर्नर ने प्रश्नों के जवाब के साथ तीसरी बार भेजी अर्जी

By धीरेंद्र जैन | Published: July 28, 2020 08:22 PM2020-07-28T20:22:38+5:302020-07-28T20:22:38+5:30

मुख्यमंत्री निवास पर हुई कैबिनेट बैठक में राज्यपाल कलराज मिश्र की आपत्तियों पर चर्चा के बाद सरकार ने अपना जवाब तैयार कर तीसरी बार राज्यपाल को विधानसभा सत्र के लिए प्रस्ताव भेजा है और अब राजभवन के जवाब का इंतजार है।

Rajasthan Legislative Assembly Sessions held July 31 Governor Mishra and CM Gehlot adjourned | राजस्थान विधानसभाः 31 जुलाई से हो सत्र, राज्यपाल मिश्र और सीएम गहलोत में ठनी, गवर्नर ने प्रश्नों के जवाब के साथ तीसरी बार भेजी अर्जी

सोमवार को राज्यपाल ने 21 दिन के नोटिस के साथ सत्र बुलाने की शर्त के रखते हुए सरकार से दो प्रश्न पूछे थे। (file photo)

Highlightsपरिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि सत्र बुलाना हमारा कानूनी अधिकार है एवं राज्यपाल इस पर सवाल नहीं उठा सकते, फिर भी हम जवाब दे रहे हैं।राज्यपाल इस बार भी हमारा प्रस्ताव अस्वीकार करते है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि देश में संविधान नाम की कोई चीज नहीं है।उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी राज्यपाल कलराज मिश्र दो बार विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को खारिज कर चुके हैं।

जयपुरः राजस्थान में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में बीच शुरू हुई सियासी जंग का रुख अब मुख्यमंत्री गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर हो गया है।

गहलोत सरकार 31 जुलाई से ही विधानसभा का सत्र बुलाने पर अड़ी है। आज मुख्यमंत्री निवास पर हुई कैबिनेट बैठक में राज्यपाल कलराज मिश्र की आपत्तियों पर चर्चा के बाद सरकार ने अपना जवाब तैयार कर तीसरी बार राज्यपाल को विधानसभा सत्र के लिए प्रस्ताव भेजा है और अब राजभवन के जवाब का इंतजार है।

प्रदेश की कांग्रेस सरकार में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि सत्र बुलाना हमारा कानूनी अधिकार है एवं राज्यपाल इस पर सवाल नहीं उठा सकते, फिर भी हम जवाब दे रहे हैं। जहां तक 21 दिन के नोटिस की बात है, तो 10 दिन तो पहले ही बीत चुके, फिर भी यदि राज्यपाल नोटिस की बात कर रहे हैं तो कोई तारीख क्यों नहीं दे रहे। यदि राज्यपाल इस बार भी हमारा प्रस्ताव अस्वीकार करते है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि देश में संविधान नाम की कोई चीज नहीं है।

राज्यपाल कलराज मिश्र दो बार विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को खारिज कर चुके हैं

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी राज्यपाल कलराज मिश्र दो बार विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को खारिज कर चुके हैं। सोमवार को राज्यपाल ने 21 दिन के नोटिस के साथ सत्र बुलाने की शर्त के रखते हुए सरकार से दो प्रश्न पूछे थे।

क्या सरकार विश्वास मत प्रस्ताव चाहती हैं? किसी भी परिस्थिति में विश्वास मत हासिल करने की कार्यवाही संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी में होगी जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी करवानी होगी और उसका सीधा प्रसारण भी होना चाहिए।

यह स्पष्ट करें की सत्र बुलाए जाने पर सोशल डिस्टेंसिंग कैसे रखी जाएगी? क्या कोई ऐसी व्यवस्था है जिसमें 200 सदस्य और लगभग 1000 से अधिक स्टाफ के एकत्र होने पर उनमें संक्रमण का खतरा नहीं हो? यदि किसी को संक्रमण हुआ तो उसे फैलने से कैसे रोका जाएगा?

बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय का मामला

भाजपा विधायक मदन दिलावर द्वारा हाईकोर्ट में आज बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने और बसपा के विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ फिर से अपील की गई है। इस मामले में सुनवाई का समय निश्चित नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक की पहली याचिका को विधानसभा स्पीकर के फैसले का हवाला देते हुए खारिज कर दिया था और वे सोमवार को ही विधानसभा अपनी याचिका के फैसले की कॉपी लेने भी पहुंचे थे।

स्पीकर ने इस मामले में 24 जुलाई को ही आदेश पारित करते हुए इसे खारिज कर दिया

हाईकोर्ट ने सोमवार को भाजपा विधायक की अर्जी पर कहा था कि स्पीकर ने इस मामले में 24 जुलाई को ही आदेश पारित करते हुए इसे खारिज कर दिया। अतः याचिका के कोई मायने नहीं। भाजपा नई याचिका दायर सकती है।

अब मदन दिलावर द्वारा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा याचिका को खारिज करने के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी गई है। साथ बसपा के 6 विधायकों के विलय के खिला भी याचिका फिर से लगाई गई है। दिलावर के वकील आशीष शर्मा ने बताया, ‘बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ 16 मार्च को स्पीकर से शिकायत कर इन विधायकों को दलबदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की अपील की गई थी और 17 जुलाई को हमने रिमाइंडर भी दिया, लेकिन स्पीकर ने बिना सुने अर्जी ठुकरा दी। वहीं, पायलट गुट के खिलाफ याचिका पर तुरंत कार्रवाई कर दी गई।

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